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कुप्रबंधन के शिकार हजारोंजन : पानी की कमी नहीं, 24 घंटे पंप चालू, फिर भी समय से जल वितरण नहीं

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🔲 जिम्मेदार इंजीनियर छोटे कर्मचारियों की सुनने को तैयार नहीं

🔲 लगता है प्रशासक और आयुक्त को परवाह नहीं

हरमुद्दा
रतलाम, 15 अक्टूबर। पानी की कोई कमी नहीं है। धोलावाड़ जलाशय लबालब भरा है। 24 घंटे पंपिंग हो रही है, बावजूद शहर में जल वितरण व्यवस्था कुप्रबंधन का शिकार हो रही है। इसके चलते हजारों जन परेशान हो रहे हैं। जिन कर्मचारियों को बेहतर जल वितरण व्यवस्था की समझ है, उनकी जिम्मेदार इंजीनियर सुनने को तैयार नहीं है। लगता है प्रशासक और आयुक्त को शहर वासियों की परवाह ही नहीं है

त्योहार का सीजन चल रहा है। शुक्रवार को शहर दशहरा पर्व मना रहा है। घरों में साफ-सफाई का दौर चल रहा है क्योंकि इन दिनों छुट्टियां जो है, उसका भरपूर उपयोग किया जा रहा है लेकिन सफाई के लिए जरूरी पानी का अभाव है। ना पीने का पानी मिल रहा है, नहीं सफाई के लिए। लोग मारे मारे फिर रहे हैं।

6:30 बजे से कर रहे थे इंतजार 9 बजे पता चला नहीं आएगा पानी

शुक्रवार को दीनदयाल नगर सहित आस-पास के क्षेत्र के हजारों रहवासी पेयजल वितरण की लचर व्यवस्था का शिकार हुए। सुबह 6:30 बजे से नल आने का इंतजार करते रहे लेकिन नलों में पानी नहीं आया फिर फोन लगाने शुरू हुए तो जवाब मिला कि टंकी में पानी नहीं है। शाम तक संभावना रहेगी। इसके बाद आमजन आस-पास के लोगों से पानी मांगते हुए नजर आए, जिसके यहां पर बोरिंग है उन्होंने पानी देना शुरू किया तो भीड़ लग गई। लोगों का कहना था कि पानी की किल्लत के कारण लोगों के यहां पर त्योहार पर पानी मांगने में जिल्लत हो रही है। महीने में 15 दिन भी नगर निगम पानी नहीं दे पाता है तो फिर क्या व्यवस्था रहती है? जबकि अन्य शहरों में तो पूरे महीने जल वितरण हो रहा है। जिम्मेदारों को शहर की रग रग से वाकिफ होना चाहिए।

त्योहार पर पानी की किल्लत और जिल्लत का सामना करते हुए आम जन

यहां पर है अव्यवस्था का माहौल

शहर की पेयजल टंकियों में बारी-बारी से जल भरने का समय प्रबंधन ठीक नहीं होने के चलते टंकियों में नियमित रूप से पानी नहीं पहुंच पा रहा है, जिसके चलते आमजन परेशान हो रहे हैं। जिम्मेदारों की अकड़ इतनी है कि वह छोटे कर्मचारियों से सीख और सबक लेने को तैयार नहीं है, जबकि छोटे कर्मचारी जल वितरण व्यवस्था को बखूबी जानते हैं मगर उनको नजरअंदाज किया जा रहा है। नतीजतन त्योहारी सीजन में आमजन परेशान हैं।
नगर निगम के प्रशासक और आयुक्त भी इस मामले में बेपरवाह बने हुए हैं, जल वितरण व्यवस्था के लिए जिम्मेदार लोगों को तलब नहीं किया जा रहा है। नहीं उन्हें दंड दिया जा रहा है। बिना गलती के सजा तो आमजन को पानी की किल्लत भुगत कर देना पड़ रही है।

उनका फोन रहा व्यस्त हर बार

जानकारी लेने के लिए हरमुद्दा ने नगर निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया को फोन लगाया, लेकिन वह व्यस्त रहे कई बार।

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