एडवांस टेक्नोलॉजी ने बच्चों के सामने मां-बाप हुए हेल्पलेस: पद्मभूषण आचार्य श्रीमद्विजय रत्नसुन्दरजी
हरमुद्दा
रतलाम,25 अप्रैल। महात्मा गांधी एक बार दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर अपनी पत्नी कस्तुरबा के साथ गए थे। उन्हें देखकर अफ्रीका वासियों ने सिर्फ इतना कहा कि गांधीजी को पहली बार उनकी बा के साथ देखकर आनंद मिला है। उनके इतना कहने भर से गांधीजी के मन में विचार आया कि ये लोग कस्तुरबा को मेरी मां का रूप दे रहे है और उन्होंने उसी समय आजीवन ब्रह्मचर्य का संकल्प कर लिया। वर्तमान में जितनी मजाक इस ब्रह्मचर्य शब्द की हो रही है, उतनी हजारों सालों में नहीं हुई। ब्रह्मचर्य के व्रत को करना तो दूर, सुनने वाले भी नहीं बचे है। एडवांस टेक्नोलॉजी ने हर मां-बाप को बच्चों के सामने हेल्पलेस बना दिया है। यह बात राज प्रतिबोधक, पद्मभूषण, सरस्वतीलब्धप्रसाद, परम पूज्य आचार्य श्रीमद्विजय रत्नसुन्दर सूरीश्वरजी महाराज ने कही। वे रूद्राक्ष कालोनी (लक्ष्मी नगर,हरमाला रोड़)पर श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ, गुजराती उपाश्रय एवं श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेताम्बर पेढ़ी द्वारा आयोजित आठ दिवसीय आचार महिमा महोत्सव को संबोधित कर रहे थे।
पांच अणुव्रतों पर डाला प्रकाश
महोत्सव में पांचवें दिन लीगल कंट्रोल (कानूनी नियंत्रण) पर चर्चा करते हुए आचार्यश्री ने संत समुदाय के पांच महाव्रतों एवं श्रावक-श्राविकाओं के लिए पांच अणुव्रतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पांच महाव्रत हेल्थ, फैथ, वेल्थ, स्टेन्थ और डेथ का अहसास कराने वाले होते है। पहला नंबर अहिंसा का होता है, जिसमें परमात्मा ने श्रावक-श्राविकाओं को सारे जगत के जीवों को बचाने का भले नहीं कहा हो, लेकिन जीव मात्र के प्रति अहिंसा का पालन करने का संदेश दिया है। आजकल हिंसा के कई साधन आ रहे है, जबकि यह हिंसा सबसे ज्यादा असर हमारी हेल्थ पर करती है। एक जीव की मौत हमारी दस मौत बुक करती है। दुनिया में पहले नंबर का सुख स्वास्थ्य का है, इसलिए हिंसा से बचने का प्रयास करें।
झूठ बोलकर रुकना कठिन
उन्होंने फैथ के लिए झूठ से बचने का आह्वान करते कहा कि झूठ बोलना आसान है, लेकिन एक झूठ बोलकर रुकना कठिन होता है। व्यापार और कार्य-व्यवहार में हम सत्य भले ना बोले, लेकिन कम से कम झूठ भी नहीं बोले तो विश्वास बनाने में कामयाब रहेंगे।
किया बहुमान
आरंभ में लाभार्थी परिवार के जिनदास लुनिया,चंदनबाला व लता लुनिया, विजियादेवी-ज्ञानचंद सुराना का बहुमान किया गया। श्री संघ की और से अध्यक्ष सुनील ललवानी, बाबुलाल मालवीय, मनोहरलाल कटकानी, सुनील मूणत, भावना सुराना, सीमा चौधरी, धर्मोत्तेजक महिला मंडल की शर्मिला मेहता,, किरणबेन पोरवाल, अप्सरा पोरवाल, अंजुबेन डुंगरवाल, शैलू अभय मेहता, सुशीला राजकुमार सुराना,मरूदेवा महिला मंडल की सुनीता भंडारी, संध्या सुराना,महेंद्र ललवानी, पियूष भंडारी ने बहुमान किया। प्रदर्शनी उद्घाटनकर्ता परिवार के जयंतीलाल तलेरा व रानु तलेरा, शीतलपेय के लाभार्थी मांगीलाल गांधी, निलेश गांधी आदि का भी बहुमान किया गया। गायक एवं संगीतकार विजय दोशी ने संगीतमय प्रस्तुतियां दी। संचालन श्री संघ के उपाध्यक्ष मुकेश जैन ने किया।
200 से अधिक गुरुभक्तों ने किया आयंबिल
गुरुवार को दादा गुरुदेव आचार्यश्री भुवनभानु सूरीश्वरजी म.सा. की 108 वीं जयंती जप, तप एवं धर्म आराधना कर मनाई गई। इस मौके पर 200 से अधिक गुरुभक्तों ने सामूहिक आयंबिल किया। श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ, गुजराती उपाश्रय एवं श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेताम्बर पेढ़ी द्वारा आयंबिल खाते पर सामूहिक आयंबिल का आयोजन किया गया।
शुक्रवार को लास ऑफ
कंट्रोल पर प्रवचन
26 अप्रैल को सुबह 9 बजे रूद्राक्ष कालोनी में पद्मभूषण आचार्य श्रीमद विजय रत्नसुन्दर सूरीश्वरजी म.सा. लास ऑफ कंट्रोल पर प्रवचन देंगे। शाम 7 बजे सामूहिक प्रतिक्रमण एवं रात्रि 8 बजे अमीचंद की अमीदृष्टि नाटिका का मंचन होगा। श्री संघ ने धर्मप्रेमी नागरिकों से इस अवसर पर अधिक से अधिक उपस्थित रहने की अपील की है।