इंस्पायर अवार्ड : आइडिया अपलोड करने में निजी विद्यालयों का असहयोगात्मक रवैया
विद्यार्थियों की प्रतिभाओं के पंख काट रहे प्राइवेट स्कूल
24 अक्टूबर है अंतिम तारीख
हरमुद्दा
रतलाम, 24 अक्टूबर। इंस्पायर अवार्ड मानक प्रतियोगिता में आईडिया अपलोड करने निजी स्कूलों का सहयोगात्मक रवैया चल रहा है। विद्यार्थियों की प्रतिभाओं को निखारने में उदासीनता नजर आ रही है। निजी स्कूल वाले शासकीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। जबकि शासकीय स्कूलों के विद्यार्थियों ने जोश, जुनून, उत्साह के साथ आइडिया अपलोड करने में जागरूकता दिखाई है।
राष्ट्रीय स्तर की इंस्पायर अवार्ड मानक प्रतियोगिता में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों द्वारा आइडिया के माध्यम से सकारात्मक सुझाव दिए जाते हैं ताकि उन पर अमल हो। इसके लिए विद्यार्थियों के खाते में मोटी राशि जमा की जाती है ताकि उन्हें अपने आइडिया को मूर्त रूप देने के लिए धन की कमी महसूस ना हो। मुद्दे की बात तो यह है कि बावजूद इसके निजी विद्यालय इस साल इस कार्य में रुचि नहीं ले रहे हैं। इनका उद्देश्य केवल मोटी फीस वसूलना ही रह गया है। विद्यार्थियों की प्रतिभाओं पर निजी स्कूल संचालक ग्रहण लगा रहे हैं। उनकी प्रतिभाओं के पंख काट रहे हैं।
सैकड़ों शासकीय विद्यालयों के 16 सौ से अधिक आईडी अपलोड
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सैकड़ों शासकीय विद्यालयों के तकरीबन 16 सौ विद्यार्थियों के आईडिया अब तक अपलोड हो चुके हैं। इसके विपरीत निजी विद्यालय का आंकड़ा अर्धशतक तक भी बमुश्किल पहुंचा है।
सोच को संकुचित कर रहे हैं निजी विद्यालय संचालक
ऐसे में निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सोच को निजी स्कूल संचालक संकुचित कर रहे हैं। शासकीय योजना में जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं करने वाले ऐसे स्कूल संचालकों पर तो विभाग कार्रवाई का शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है।
रविवार को भी यदि निजी स्कूल संचालकों का जमीर जाग जाता है और प्रतिभावान विद्यार्थियों के आइडिया अपलोड करता है तो प्रदेश में रतलाम जिले की प्रतिष्ठा बरकरार रह सकती है।
आज भी है उम्मीद का अवसर
जिले में विज्ञान विषय के प्रति रुचि और जागरूकता के इतिहास को देखते हुए जिम्मेदारों को अभी भी उम्मीद है कि रविवार को निजी स्कूल संचालक आईडिया अपलोड कर गत वर्ष के आंकड़े को भी पीछे छोड़ ने का जतन कर सकते हैं। असहयोगात्मक रवैया को जो दाग लग लग रहा है, उसे धो सकते हैं।