अपनी पसंद का विषय और करियर चुनकर सपने को हकीकत में बदलने के लिए आत्मविश्वास और  लक्ष्य करें निर्धारित

 करियर निर्माण और समय प्रबंधन पर हुआ वेबिनार का आयोजन

हरमुद्दा
रतलाम, 27 अक्टूबर। अच्छा करियर प्रत्येक व्यक्ति का सपना होता है, लेकिन उसे पाने के लिए खुद को करियर के लायक बनाना पड़ता है । प्रत्येक व्यक्ति का स्वभाव और करियर अलग होता है, इसलिए देखा देखी नहीं करें। कोई व्यक्ति किसी विषय को लेकर सफल हुआ हो तो जरूरी नहीं कि आप भी वह लेकर सफल हो। आप अपनी पसंद का विषय और करियर चुने। सपने को हकीकत में बदलने के लिए आत्मविश्वास और  लक्ष्य निर्धारित करें। एकाग्रता एवं लगन से उसको पाने का प्रयास करें ।
एकाग्रता से मन नहीं भटकता और काम में गुणवत्ता आती है। समय बद्धता के साथ प्रयास में जुट जाएं।

डॉ. स्वाति पाठक

यह बातें डॉ. स्वाति पाठक ने कही। डॉ.  पाठक के संयोजन में शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रतलाम के स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा विद्यार्थियों के लिए करियर निर्माण में समय प्रबंधन की भूमिका पर वेबीनार का आयोजन किया गया।कार्यक्रम वेबिनार की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ. स्वाति पाठक ने करियर मार्गदर्शन योजना का महत्व बताए।

जो व्यक्ति कहता है कि मैं अती व्यस्त हूं, व्यस्त नहीं बल्कि होता है अस्त व्यस्त

वक्ता डॉ. मायारानी देवडा

वेबिनार की मुख्य अतिथि एवं वक्ता डॉ. मायारानी देवडा ने समय प्रबंधन पर कहा कि समय निरन्तर बीतता जाता है घडी और कैलेंडर इसका रिकॉर्ड रखते हैं। धन को खर्च किया जाए तो वापस प्राप्त कर सकते हैं किन्तु बीता समय कभी भी लौट कर नहीं आता है। भिन्न-भिन्न कार्य को करने के लिए लगाए गए समय और उनको करने के क्रम को सोच विचार कर व्यवस्थित करना समय प्रबंधन कहलाता है। अर्थात सही समय पर सही काम को करना। समुचित समय प्रबंधन से दक्षता मिलती है उत्पादकता बढती है। तनाव नहीं होता है, गुणवत्ता बढती है और सफलता और उपलब्धियां प्राप्त होती है। ईश्वर ने समय सबको बराबर दिया है। कई लोग अक्सर समय की कमी से परेशान रहते हैं अक्सर कहते है ”टाइम ही नहीं मिलता”  स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि जो व्यक्ति कहता है कि मैं अती व्यस्त हूं व्यस्त नहीं बल्कि अस्त व्यस्त होता है । समय का अहसास अलग -अलग होता है । जब इंतजार कर रहे हो तो धीमा, जब आप लेट हो जाए तो तेज, जब तक  तकलीफ हो तो अंतहीन लगता है । समय कीमती है, अमूल्य है यदि हम इसे बर्बाद करेंगे तो समय हमारे जीवन को बर्बाद कर देगा। हम 24 घंटे को बढ़ा नहीं सकते लेकिन एक तरीका है समय का सदुपयोग। एक सेकेंड समय की कीमत उस धावक से पूछिए जो एक सेकंड से पदक जीतने से रह गया हो, एक  मिनट की कीमत उस यात्री से पूछे जो प्लेटफार्म पर पहुंचा और ट्रेन निकल गयी हो, एक माह की कीमत उस कर्मचारी से पूछिये जो वेतन लेकर आ रहा था और जेब कट गयी ।  एक वर्ष की कीमत उस छात्र से  पूछिये जो परीक्षा में फेल हो गया हो । चाणक्य ने कहा है कि जो व्यक्ति जीवन में समय का ध्यान नहीं रखता है उसके हाथ असफलता पछताना ही रहता है । समय प्रबंधन को प्रकृति से समझा जा सकते हैं। समय आने पर फूल खिलते है, फल लगत है । आपने चिड़िया को देखा है जो सुबह होते ही चींची करने लगती है। उसे कौन सा स्कूल या ऑफिस जाना है।

आलस्य का त्याग समय साधना की है नींव

समय प्रबंधन कैसे करे यह बताते हुए डॉ. देवड़ा ने कहा कि विद्यार्थी अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित करें । लक्ष्य थोड़ा पहले रखे । मार्जिन रखे । कहीं जाना हो तो व्यवधान की संभावना होती है। आलस्य का त्याग समय साधना की नींव है । काम में एकाग्रता बनाये रखें, मन लगाए, रूचि लें । वर्तमान में जिए, अतीत बीत गया इसे बदला नहीं जा सकता, पर वर्तमान में किया परिश्रम भविष्य को भी सुधार सकता है । भरपूर नींद ले संतुलित भोजन ले, व्यायाम करें । समय को सकारात्मक ढंग से उद्देश्य पूर्ति हेतु खर्च करें । हमेशा सीखते रहे । समय पर बंद न किया गया सुराख बडे से बडे जहाज को डुबा सकता है ।  वक्त इंसान को कायम नही बनाता। करियर बनाने में वक्त का सही इस्तेमाल इंसान को कामयाब बनाता है। संचालन डॉ. भारती लुणावत ने किया। आभार डॉ. श्वेता टेवानी ने माना।                                                                                                                          

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