बाजार हुए गुलजार : मुर्गा पालकों की लग गई उड़ के, अधिक भाव में बिके, झाबुआ और राजस्थान से आते हैं खरीदार, जमकर हुई बिक्री

 पड़वा के दिन चढ़ाई जाती है मुर्गे और बकरे की बलि

 सोयाबीन की फसल काटकर लौटा आदिवासी समाज

पुरुषोत्तम पांचाल/हरमुद्दा
रावटी, 30 अक्टूबर। आदिवासी अंचल का जंक्शन रावटी में दीपावली के पावन पर्व पर शनिवार को बेहद भीड़ रही। खरीदारी करने के लिए झाबुआ व राजस्थान से भी लोग आए।खास बात यह रही कि मुर्गों के दाम काफी बढ़ गए। मुर्गा पालकों की उड़कर लग गई है। बाजार गुलजार हो गए। लाखों की खरीदारी हुई।

पशुओं को सजाने के फूल फंदे

लोगों ने परिधान, जूते, चप्पल, पशुओं के गले में बांधने की फूल मालाएं युवतियों ने भी अपने को सवारने  का काम किया है। किराना सामान की भी खरीदी की। पशु पक्षियों के भाव भी ऊंचे दामों में रहे। आदिवासी क्षेत्रों में पड़वा के दिन पशु पक्षियों की बलि चढ़ाते हैं जिससे मुर्गा मुर्गी बकरे बकरियों के भाव भी आसमान छू गए। छोटा पक्षी भी ₹1000 ऊपर में बिक गया है वही बकरे के भाव भी ऊंचे रहे। शनिवार को यहां हाट बाजार होने से पशु पक्षी के ग्राहक भी रतलाम व अन्य जगह से आते हैं।

झाबुआ राजस्थान से आते हैं खरीदारी करने लोग

रावटी तहसील यूं तो 95 गांव लगते हैं पर झाबुआ जिला व राजस्थान के कई गांव के लोग यहां आकर सामान लेते हैं क्योंकि रावटी का बाजार अच्छा सामान व किफायती भाव में देते हैं। यहां पर चांदी की दुकानें भी है। चांदी यहां 999 प्रतिशत के भाव पर चांदी के आभूषण की भी जोरदार खरीदी होती है। कुछ लोग अपने चांदी के आभूषण भी गिरवी रख कर काम करने पलायन कर जाते हैं। इन्हें भी वापस लेने के आते हैं। वर्तमान में बाजार बुधवार तक भारी भीड़ भाड़ ही रहेगी। इसके साथ ही दीपावली पर पटाखे खरीदने के लिए भी गजब की भीड़ रहती है। यहां 60 दुकानदारों ने लाइसेंस बनाए हैं।

 फोटो : पुरुषोत्तम पांचाल

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