लापरवाही का अस्पताल : ऐसी मां की खुशियां भी छीन लीं जो अपनी शादी के 12 साल बाद बनी थी मां, मामा नहीं बचा पाया भांजे की जान

 बच्चे का शव देखकर बेसुध हो गई इरफान

 बच्चे को हुई सांस लेने में तकलीफ

 7 बच्चों को बाहर निकाला, लेकिन भांजे को नहीं बचाने का मलाल

हरमुद्दा
भोपाल, 10 नवंबर। लापरवाही के कमला नेहरू अस्पताल के बच्चा वार्ड में लगी आग ने एक ऐसी मां की खुशियां भी छीन लीं, जो अपनी शादी के 12 साल बाद मां बनी थी। खास बात तो यह है कि 1 सप्ताह पहले ही वह मां बनी थी। सप्ताह भर में खुशियां भी छीन ली लापरवाही के आलम ने। 7 बच्चों को बचाने वाले मामा को मलाल है कि वह भांजे को नहीं बचा पाया।

मृत बच्चे को ले जाते हुए परिजन

वह दो नवंबर को बच्चे की मां बनी थी। सांस लेने में बच्चे को तकलीफ हुई तो उसे हमीदिया के कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था, जहां वह छह दिन से भर्ती था। उसकी हालत में सुधार भी होने लगा था। सोमवार रात में आग लगने के बाद परिजनों को अस्पताल से बाहर कर दिया गया था। किसी को अंदर नहीं जाने दे रहे थे।

मां इरफाना अपने बच्चे राहिल के लिए  हो रही थी परेशान

इस दौरान मां इरफाना अपने बच्चे राहिल के लिए परेशान हो रही थी। वह अंदर जाने के लिए पुलिस और प्रशासन से गुहारा लगा रही थी कि मेरे बच्चे को मुझे दिखा दो। उसे प्रशासनिक अधिकारी भरोसा दे रहे थे कि उसका बेटा अच्छा है। सुबह चार बजे उसे बताया गया कि बच्चे की मौत हो गई है। बच्चे का शव देखकर मां इरफाना बेसुध हो गई थी। वह अस्पताल के बाहर बैठकर रोती रही। बाद में परिजनों ने उसे घर भिजवाया।

7 बच्चों को बाहर निकाला लेकिन भांजे को नहीं बचाने का मलाल

इरफाना का परिवार डीआइजी बंगला गौतम नगर में रहता है। उनका निवास लाउखेड़ी में है। बच्चे के मामा रशीद का कहना है कि आगजनी के समय वह अंदर ही था। धुआं और अंधेरे के कारण उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। उसने सात बच्चों को बाहर निकाला, लेकिन इस हादसे में अपने भांजे को नहीं बचा सका, इसका उन्हें मलाल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *