जय-जयकार की गूंज के बीच प्रदान की पंन्यास प्रवर युगसुंदर विजयजी को आचार्य की पदवी

हरमुद्दा
रतलाम, 28 अप्रैल। पंन्यास प्रवर श्री युगसुंदर विजयजी म.सा. अब आचार्यश्री युगसुंदरसूरीजी म.सा.कहलाएंगे। उन्हें रविवार को राज प्रतिबोधक, पद्मभूषण, सरस्वतीलब्धप्रसाद, परम पूज्य आचार्य श्रीमद्विजय रत्नसुन्दर सूरीश्वरजी महाराज ने रूद्राक्ष कालोनी में आयोजित महोत्सव में आचार्य की पदवी प्रदान की। इसके साथ ही श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ, गुजराती उपाश्रय एवं श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेताम्बर पेढ़ी द्वारा आयोजित 8 दिवसीय आचार महिमा महोत्सव का भव्य समापन हो गया।
इस दौरान आचार्य श्री पदमसुंदर विजयजी म.सा., अनुयोगाचार्य, मालव विभूषित पंन्यास प्रवर श्री वीररत्न विजयजी म.सा. एवं साध्वीश्री संवेगनिधिजी म.सा.सहित संत-साध्वी मंडल उपस्थित रहा।
मंगल स्वरों से गूंजा परिसरScreenshot_2019-04-28-19-09-02-628_com.google.android.gm
पंन्यास प्रवर श्री युगसुंदरविजयजी म.सा. को आचार्य पद प्रदान होते ही पूरा समोवसरण शुभम भव, श्रेयम भव, कल्याण भव और मंगल भव के स्वरों से गूंजायमान हो उठा। पद धारण करने से पहले आचार्यश्री श्रीमद्विजय रत्नसुन्दर सूरीश्वरजी की प्रदक्षिणा की। आचार्यश्री ने विधि-विधान से सारी क्रियाएं संपन्न होने के बाद आचार्य के रूप में नूतन आचार्य का नामकरण किया।
महामंगलकारी नंदी सूत्र
का हुआ वाचनScreenshot_2019-04-28-19-09-32-770_com.google.android.gm
इससे पूर्व पन्यास प्रवर श्री पदमबोधी विजयजी म.सा.ने 700 श्लोकों वाले महामंगलकारी नंदी सूत्र का वाचन किया। आचार्यश्री ने नूतन आचार्य को सूरी मंत्र का पट और नवकारवाली भेंट की। मुनि श्री पाश्र्वसुंदर विजयजी म.सा.द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन किया गया। नूतन आचार्य सहित समस्त आचार्यगण को कांबली ओढ़ाई गई। महोत्सव में मुंबई से आए अनिल गेमावत ने संगीतमय प्रस्तुतियों से समा बांध दिया। कार्यक्रम का संचालन चेन्नई से आए संघवी विपिन सतावत एवं रतलाम संघ के उपाध्यक्ष मुकेश जैन ने किया।
महोत्सव में बना अदभुत दृश्य, धर्मलाभ के लिए लगी बोलियांScreenshot_2019-04-28-19-15-08-055_com.google.android.gm
आचार महिमा महोत्सव में आचार्य पदवी का प्रसंग देखने देश भर से धर्मानुरागी जुटे। आचार्य पदवी प्रदान करने के बाद महोत्सव में ऐसा अदभुत प्रसंग भी आया, जिसमें पदवी प्रदान करने वाले आचार्यश्री ने नूतन आचार्य को अपने पाट पर बिठाया और पूरे शिष्य मंडल के साथ उन्हें नमस्कार कर शासन व्यवस्था का संदेश दिया। महोत्सव में मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता जैसे महानगरों सहित कई स्थानों से आए गुरूभक्तों ने बोलियां लगाकर धर्मभक्ति का लाभ लिया। सबसे पहले सूरी मंत्र की बोली लगी, जिसका लाभ मुंबई के अवनि राजीव भाई शाह परिवार ने लिया। नवकारवाली की बोली का लाभ सुधाबेन भाईलाल, रतिलाल परिवार ने दीपक भाई के हस्ते लिया। पहले गुरुपूजन की बोली का लाभ हिम्मतभाई, उद्धवभाई गांधी पालीताणा वाला परिवार ने लिया। कांबली ओढ़ाने का लाभ चेन्नई के शांतिबाई रखबचंद राठौर परिवार ने लिया। नूतन आचार्य की सबसे पहले पगलिए कराने की बोली का लाभ रतलाम के चांदबाई वागमल गादिया परिवार ने लिया। महोत्सव में पद्मभूषण आचार्य श्रीमद्विजय रत्नसुन्दर सूरीश्वरजी महाराज ने सूखे से प्रभावित क्षेत्रों में मदद के लिए प्रति जीव रक्षा 5 हजार रुपए का आह्वान किया, जिसपर गुरूभक्तों द्वारा देखते ही देखते सैंकड़ों जीवों की रक्षा के लिए घोषणाएं की गई। इस दौरान श्री संघ अध्यक्ष सुनील ललवानी सहित रतलाम संघ के पदाधिकारीगण एवं श्रावक-श्राविकागण उपस्थित थे।IMG_20190428_191632
मंगलवार को टीआईटी रोड श्रीसंघ में प्रवेश
राज प्रतिबोधक, पद्मभूषण, सरस्वतीलब्धप्रसाद, परम पूज्य आचार्य श्रीमद्विजय रत्नसुन्दर सूरीश्वरजी महाराज आदि ठाणा का मंगलवार 30 अप्रैल को सुबह टीआईटी रोड श्री संघ में मंगल प्रवेश होगा। टीआईटी रोड़ श्री संघ के मुकेश जैन ने बताया कि मंगल प्रवेश का जुलुस सुबह 6.15 बजे बैंक कालोनी स्थित अशोक कुमार, मुकेश कुमार बम्बोरी के निवास से प्रारंभ होगा, जो स्टेशन रोड़ स्थित जैन मंदिर होते हुए टीआईटी रोड स्थित श्री पाश्र्वनाथ जैन धर्मशाला पहुंचेगा। सुबह 7 से 8 बजे नवकारसी के बाद धर्मशाला में सुबह 8.30 से 9.30 बजे तक प्रवचन होंगे। श्री संघ ने धर्मप्रेमी नागरिकों से इस अवसर पर अधिक सेअधिक उपस्थित होकर धर्मलाभ लेने का आह्वान किया है।

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