मनाया मानव अधिकार दिवस : शिक्षा और जागरूकता ही बचाती है शोषण से
शासकीय कन्या महाविद्यालय के आयोजन में सेवानिवृत्त एपीओ कैलाश व्यास ने कहा
हरमुद्दा
रतलाम, 11 दिसंबर। ज्ञान से बढ़कर कुछ भी नहीं है। शिक्षा ही हमें शोषण से बचाती है। अतः शिक्षा के साथ अपने अधिकारों के प्रति सतर्क और जागरूक रहना चाहिए, ताकि हम औरों को भी उनके अधिकारों के बारे में बता सके और उन्हें न्याय दिला सकें।
यह विचार सेवानिवृत्त एपीओ कैलाश व्यास ने व्यक्त किए। श्री व्यास शासकीय कन्या महाविद्यालय में राजनीति शास्त्र विभाग संयोजन में मानव अधिकार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. आरके कटारे ने की।
जागरूक करने की जरूरत
श्री व्यास ने कहा कि जब इंसान दुनिया में आता है, तो कुछ अधिकार साथ लेकर आता है और कुछ अधिकार देश उसे देता है। जिसका वह हकदार होता है। भेदभाव, ऊंच-नींच का सामना नहीं करना पड़े। रंग, जाति, धर्म, राजनीतिक, और अन्य किसी भी स्तर पर जहां वो किसी भी इंसान के साथ खड़ा हो सकें, पूरे सम्मान के साथ, बराबरी के साथ। इन बिंदुओं पर आज भी दुनियां को जागरूक करने की जरूरत है।
आयोग द्वारा गठन में बाल-विवाह, भोजन, महिला अधिकार, मुठभेड़ में मौत, अनुसूचित जाति, अनुयूसिचत जाति, अल्पसंख्यकों के अधिकार भी आते हैं।
साल 2019 के एक सर्वे के मुताबिक करीब 86 फीसदी लोग अपने अधिकार नहीं जानते हैं।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि देश में सबसे अधिक बुजुर्ग लोग हैं जो अपनी मौलिक अधिकारों से वंचित है।
ऐसा माना जाता है कि शहरों में लोगों को मानवाधिकार के बारे में जागरूकता होती है लेकिन रिपोर्ट्स इसके एकदम उलट है। जी हां, शहर में 23 फीसदी लोग असहज स्थिति में रहने को मजबूर, करीब 13 फीसदी लोगों को भोजन नहीं मिलता है, वहीं 67 फीसदी लोग जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रह जाते हैं।
2019 में बच्चों पर एक स्टडी की गई थी जिसमें 172 देश शामिल थे। जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए है। 3.1 करोड बच्चे और अवयस्क बच्चे बाल मजदूरी करते हैं। वहीं 4.8 करोड़ बच्चों को जरूरत के मुताबिक खाना ही नहीं मिलता है।
यह थे मौजूद
मुख्य अतिथि श्री व्यास का परिचय डॉ. अनामिका सारस्वत ने दिया। इस अवसर पर आइक्यूएसी प्रभारी और कामर्स विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश कटारिया, राजनीति शास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मीनाक्षी व्यास, डॉ. अनिल जैन, डॉ. सुनीता श्रीमाल, डॉ. स्नेह पंडित, डॉ. सुरेश चौहान, डॉ. वेरसिंग बामनिया, प्रोफ़ेसर वी.के. जैन, प्रोफ़ेसर नीलोफर खामोशी, डॉ. बी वर्षा, डॉ. संध्या सक्सेना, प्रो.रविराज आदि मौजूद थे। संचालन राजनीति शास्त्र विभाग की डॉ. मंगलेश्वरी जोशी ने किया। आभार अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदनलाल गांगले ने माना।