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धर्म के प्रति श्रद्धा एवं आस्था बढ़ाने के लिए मेले की परंपरा सालों से

 त्रिवेणी मेला मंजूरी पर सनातन धर्म महासभा ने किया विधायक का सम्मान

 कोविड 19 की वजह से बंद था त्रिवेणी मेला

 मेला ग्राउंड को संरक्षित करने के लिए ज्ञापन भी सौंपा

हरमुद्दा
रतलाम, 14 दिसंबर।  धर्म के प्रति श्रद्धा एवं आस्था बढ़ाने के लिए मेलों का आयोजन सालों से परंपरागत होता आ रहा है। मेले के माध्यम से हर व्यक्ति के मन में श्रद्धा जागती है। इसलिए मेले का आयोजन प्रासंगिक है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए प्रशासन भीड़ भरे आयोजन करने के पक्ष में नहीं है। लेकिन उज्जैन में भी मेले को सीमित स्वरूप में आयोजित किया गया है। इसलिए रतलाम में कोविड नियमों का पालन करते हुए मेले के आयोजन की स्वीकृति मिली है। उन्होंने कहा कि मेले के आयोजन से इससे जुड़े व्यवसायियों को रोजगार मिलेगा।

यह विचार विधायक चेतन्य काश्यप ने व्यक्त किए। त्रिवेणी मेले की स्वीकृति कराने पर मंगलवार शाम को सनातन धर्म महासभा ने विधायक काश्यप का सम्मान कर आभार प्रकट किया। इस मौके पर श्री काश्यप को त्रिवेणी मेला ग्राउंड को संरक्षित करने के लिए ज्ञापन भी सौंपा गया।

विधायक का सम्मान करते हुए सनातन धर्म महासभा के सदस्य

खेल, धर्म, संस्कृति आदि से जुड़े आयाम भी समाज में जरूरी

विधायक श्री काश्यप ने कहा कि समाज के विकास के लिए प्रत्येक आयामों की जरूरत होती है। सिर्फ भौतिक विकास एवं औद्योगिकीकरण ही विकास के प्रतीक नहीं होते। खेल, धर्म, संस्कृति आदि से जुड़े आयाम भी समाज में होते रहने चाहिए। कार्यक्रम को सनातन धर्म महासभा के संयोजक अशोक मींडिया ने भी संबोधित किया। आरंभ में महासभा के राजू केलवा ने विचार रखे। इस अवसर पर श्री काश्यप का शाल श्रीफल एवं साफे से सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन गोविन्द काकानी ने किया आभार राजेन्द्रसिंह गोयल ने माना।

यह थे मौजूद

इस अवसर पर मनोहर पोरवाल, मनोज शर्मा, सतीश भारतीय, बालमुकुन्द चावड़ा, मोहनलाल धबाई, कमल भाटी, गोपाल शर्मा, जगदीश हरारिया, रमेशचन्द्र पांचाल, भूपेन्द्र सोनी, गोपाल सोनी, नन्दकिशोर सोनी, टीकमसिंह सोलंकी, मनोहरसिंह चौहान, मुकेश खरे, राजू कल्याणे, अनिल सोनी, पुनीत गिरजे, शिवांश छपरी, डाडमसिंह राठौर आदि मौजूद थे।

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