फैसला : नामांतरण के लिए पटवारी ने लिए रुपए, लोकायुक्त ने किया ट्रेप, कोर्ट ने सुनाई 4 साल की सजा

🔲 पिता की मृत्यु के बाद बेटा गया था नामांतरण के लिए पटवारी के पास

🔲 नामांतरण के लिए पटवारी ने मांगे ₹30000

🔲 लोकायुक्त को की गई शिकायत

हरमुद्दा
रतलाम, 15 दिसंबर। पिता की मौत के बाद बेटे ने जमीन नामांतरण के लिए पटवारी को आवेदन दिया। पटवारी ने रुपए की मांग की। इसकी शिकायत बेटे ने लोकायुक्त को की। तब योजना अनुसार लोकायुक्त के निर्देश पर मामला ट्रेप हुआ। न्यायालय में सबूतों के मद्देनजर विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) संतोष कुमार गुप्ता ने बुधवार को रिश्वत लेने वाले भ्रष्ट पटवारी पवन गोयल को 4 वर्ष का सश्रम कारावास का फैसला सुनाया। इसके साथ ही 2,000/ रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में विशेष लोक अभियोजक (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) सुश्री सीमा शर्मा ने पैरवी की।

मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने जानकारी देते हुए हरमुद्दा को बताया कि विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन के विशेष प्रकरण क्रमांक 05/2016 में विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) श्री गुप्ता ने 15 दिसंबर 2021 को पारित अपने निर्णय में पवन गोयल पिता प्यारेलाल गोयल उम्र 40 वर्ष पटवारी, तहसील आलोट, जिला रतलाम को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं 7 और 13(1)डी में दोषसिद्ध पाया। धारा 7 को 13(1)डी मे समाहित मानते हुऐ, बड़ी धारा 13(1)डी सहपठित धारा 13(2) के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध के लिए 4 वर्ष के सश्रम कारावास तथा कुल 2,000 रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित कर आरोपी को जेल भेजा गया।

लोकायुक्त को दिया शिकायती आवेदन

श्री मनावरे ने बताया कि 23 जनवरी 2016 को आवेदक सुरेश सिंह चौहान पिता करणसिंह चौहान निवासी ग्राम गुराडिया क्षिप्रा तहसील आलोट जिला रतलाम ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में शिकायत आवेदन पत्र दिया। पत्र में बताया कि उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है जिनके नाम 17 बीघा कृषि भूमि ग्राम गुराडिया क्षिप्रा में है। उसका नामांतरण करवाने और पावती देने के लिए गांव के पटवारी पवन गोयल ने 30 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की है।

रिकॉर्डिंग कराई रिश्वत संबंधी बातचीत

शिकायती आवेदन पर सुरेश को रिश्वत संबंधी वार्तालाप को रिकॉर्ड करने के लिए लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन से शासकीय डिजिटल वाईस रिकॉर्डर दिया। आरोपी से रिश्वत संबंधी बातचीत की रिकॉर्डिंग कराई गई। तत्पश्चात रिश्वत की मांग प्रमाणित पाए जाने पर, विधिवत ट्रैप किया गया। आरोपी पवन गोयल के निजी कार्यालय प्रमिलागंज की गली, आलोट में, आवेदक सुरेश से 10,000 रुपए रिश्वत लेते हुए आरोपी पटवारी पवन को लोकायुक्त के निरीक्षक दिनेश रावत द्वारा ट्रेप किया गया।

धुलवाए आरोपी के हाथ तो पानी हो गया लाल

मौके पर आरोपी के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पावडर के घोल में धुलवाया गया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया। आरोपी ने रिश्वत के नोट लेकर अपनी पहनी हुई जैकेट के अंदर पहनी हुई शर्ट की बांयी जेब में रखे थे। जिसे ट्रेप दल द्वारा मौके पर उतरवा कर जेब को धुलवाया गया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया। मौके पर नोटों के नंबरों का मिलान कराए जाने पर नोट वही पाए गए थे, जिसे देकर आवेदक को ट्रैप के दौरान भेजा गया था।

इनका रहा योगदान

विवेचना में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र 20 अक्टूबर 2016 को विशेष न्यायालय रतलाम में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें विचारण उपरांत विशेष न्यायालय रतलाम द्वारा आरोपी को दोषसिद्ध किया गया। प्रकरण के संचालन में आरक्षक विशाल रेश्मिया एवं सहायक ग्रेड-3 सुमित घाटिया का सराहनीय योगदान रहा।

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