आपदा में उपलब्धि : विश्व रिकॉर्ड बनाया 24 माह के मास्टर चार्विक ने, अभी नहीं गया है स्कूल
1 min read कलाम्स वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज करवाया अपना नाम
21 विधाओं में “पहचान (आइडेंटिफाई)” कर रहे सर्वश्रेष्ठ
बेटे की खूबी को जानकर मां ने ट्रेनिंग देना शुरू किया कोरोना काल में
हरमुद्दा
रतलाम, 15 दिसंबर। कोविड-19 महामारी के संघर्षपूर्ण समय में मात्र 2 वर्ष के नन्हे चार्विक जोशी ने विश्व रिकॉर्ड बनाया। 21 विधाओं में “पहचान (आइडेंटिफाई)” कर सर्वश्रेष्ठ रहते हुए आपदा में अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल की। अपना नाम कलाम्स वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज करवाया और न केवल अपना वरन् अपने दादा-दादी, माता-पिता, परिवार और रतलाम शहर का नाम रोशन किया है।
स्व. डॉक्टर रघुनंदन जी जोशी (पूर्व चेयरमैन नगर सुधार न्यास) एवं श्रीमती मोहना देवी जोशी के पड़पौत्र मास्टर चार्विक ने 21 विधाओं में “पहचान (आइडेंटिफाई)” कर सर्वश्रेष्ठ रहते हुए यह अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल की। इन विधाओं में मुख्य रूप से शेप (बनावट), कार्यरत व्यक्ति, घर की वस्तुएं, जानवरों की आवाज, चित्र, गणितीय प्रतीक, शब्द पहचान, भारत के राष्ट्रीय प्रतीक, अखंड भारत के चारों धर्म हिंदू-सिख-ईसाई- मुस्लिम के प्रतीक, वाद्य यंत्र, राज्य, मनुष्य शरीर के अंग, रंग, जानवर, वाहन, सब्जियां, फल तथा भारत देश के चारों मौसम को पहचानना शामिल था।
कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए चार्विक
यह सारे अचीवमेंट अपने नाम कर मास्टर चार्विक ने कलाम्स वर्ल्ड रेकॉर्ड में नाम दर्ज करवाते हुए “एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी ग्रास्पिंग पावर जीनीयस किड” और “यंगेस्ट मल्टी टैलेंटेड बॉय” के टाइटल में अपना नाम दर्ज कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया साथ ही वर्ल्ड जीनियस रिकॉर्ड नाइजीरिया द्वारा आयोजित “जिनीयस बुक आफ वर्ल्ड रेकॉर्ड” में भी अपना नाम दर्ज करवाते हुए “किड्स प्रतिभा सम्मान अवार्ड मेमोरी” प्राप्त किया व साथ ही “किड्स फैशन रनवे” में भी विजेता रहे मास्टर चार्विक।
समय का सदुपयोग और बच्चे का विकास
चार्विक जोशी की मां श्रीमती मोनिका जोशी एवं पापा वैभव जोशी ने बताया कि चार्विक 8 माह का तब से से ही अक्षरों में एवं पढ़ने लिखने में रुचि लेने लगा था। इसी बात को पहचान कर चार्विक की मां ने चार्विक को ट्रेनिंग देना शुरू किया और लॉकडाउन के संघर्ष पूर्ण समय का सदुपयोग कर अपने बच्चे के विकास में केंद्रित कर संपूर्ण समाज के लिए एक उदाहरण पेश किया है। चार्विक का अभी स्कूल में एडमिशन भी नहीं हुआ है। चार्विक को सभी चीजें बहुत अच्छी लगती है और वह चाव से खाता है। खासकर आइसक्रीम और चॉकलेट बेहद पसंद हैं। संगीत का शौक रखने वाले चार्विक की उंगलियां तबले पर नृत्य करती है।
उपलब्धि पर परिजनों में हर्ष
इस उपलब्धि पर चार्विक के दादाजी डाक्टर विवेक कुमार जोशी, दादीजी सरोज जोशी, नानाजी लालचंद सोनी, नानीजी ममता सोनी, चाचा नकुल जोशी, चाची पायल जोशी, मौसाजी यौवन सोनी, मौसी सोनिका सोनी, मामा ऋषभ सोनी, भाई दैविक सोनी एवं समस्त परिवार जन ने उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए हर्ष व्यक्त किया है।
फोटो : राकेश पोरवाल