मामला इंदौर न्यायालय का : दुर्व्यवहार से उपज रहे गतिरोध को अविलंब समाप्त करने की मांग
अभिभाषकों ने कार्य से विरत रहकर मुख्य न्यायाधीपति को भेजा ज्ञापन
हरमुद्दा
रतलाम, 20 दिसंबर। जिला न्यायालय में राज्य अधिवक्ता परिषद के आह्वान पर अभिभाषकों ने कार्य नहीं किया। न्यायालयीन कार्य से विरत रहकर मुख्य न्यायाधीपति को ज्ञापन भेजा। इसमें इंदौर में न्यायाधीशगण के दुर्व्यवहार से उपज रहे गतिरोध को अविलंब समाप्त करने की मांग की गई है।
जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अभय शर्मा व सचिव विकास पुरोहित ने बताया कि उच्च न्यायालय से लेकर अधीनस्थ न्यायालय के न्यायाधीशगणों द्वारा अधिवक्ताओं से ठीक व्यवहार नहीं किया जा रहा है। इंदौर न्यायालय इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है इससे अधिवक्तागणों में असंतोष व्याप्त है। न्यायाधीशगणों के व्यवहार के कारण अधिवक्ताओं के साथ-साथ पक्षकार भी प्रभावित हो रहे है। उन्होंने बताया कि न्यायाधीशगणों के व्यवहार से अधिवक्ता मानसिक त्रास में रहते इनकी टिप्पणी से भी अपमान अनुभव होता है। न्यायाधीश के व्यवहार से बार एवं बैंच का समन्वय प्रभावित हो रहा है। इंदौर न्यायालय में पदस्थ न्यायाधीश दीपक गुप्ता रतलाम में भी फरवरी 2019 में पदस्थ रहे हैं। स्थानीय अभिभाषकों द्वारा इनके कार्य का विरोध करते हुए अनिश्चित बहिष्कार किया गया था। श्री गुप्ता अपनी मनमर्जी से न्यायालय की फाईलों में साक्षी के बयान सुधारकर निर्णय देते थे। इंदौर में उनके सहित अन्य न्यायाधीश के व्यवहार से अभिभाषकों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने पत्र में इस व्यवहार का विरोध करते हुए मुख्य न्यायाधीपति से इंदौर न्यायालय का गतिरोध खत्म कराने का आग्रह किया है। जिला न्यायालय में अधिवक्ताओं के काम नहीं करने से सोमवार को नियत प्रकरण की सुनवाई आगे बढ़ा दी गई। कोई भी अभिभाषक न्यायालय में पैरवी करने नहीं पहुंचे।