विधानसभा में उठाया मुद्दा : सुधारा जाए लेबड़-नयागांव सड़क मार्ग को
विधायक डॉ पांडेय ने विभिन्न कमियों को बताया
विभिन्न मांग रखी जावरा विधायक डॉ. राजेन्द्र पांडेय ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर
विधायको की समिति करेगी परीक्षण
हरमुद्दा
जावरा, 22 दिसंबर। लेबड़ से नयागांव फोरेलन सड़क मार्ग पर गढ्डे हो गए एवं दुर्घटना के 26 ब्लेक स्पॉट भी चिन्हित है, जिसे सुधार किया जाना अत्यंत आवश्यक है। इस मार्ग के लिए विधायकों की समिति बनाई जाकर निरीक्षण किया जाए।
इस आशय की विभिन्न मांग जावरा विधायक डॉ. राजेन्द्र पांडेय ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर रखी। डॉ. पांडेय ने कहा कि लेबड़ से जावरा एवं जावरा से नयागांव फोरलेन सड़क मार्ग विगत लम्बे समय से क्षतिग्रस्त हो रहा है। बीते वर्षो में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर विधायकों की समिति ने पूरे मार्ग का निरीक्षण कर पाई गई कमियों को दूर करने के निर्देश दिए थे,लेकिन सड़क निर्माण कम्पनियों द्वारा पेंचवर्क की खानापूर्ति कर उन निर्देशो की अवलेहना की।
मार्ग में लगभग 26 ब्लेक स्पॉट भी चिन्हित
इस मामले में उनके द्वारा निरन्तर विधानसभा व प्रशासकीय बैठकों में बात उठाई जा रही है। इस मार्ग में लगभग 26 ब्लेक स्पॉट भी चिन्हित किये गए,जहाँ पर विगत 11वर्षो में हजारों की संख्या में दुर्घटना में दुःखद मृत्यु हुई है।ग्रामीण,आवासीय,नगरीय व अधिक यातायात वाले क्षेत्रों में जहाँ ब्लेक स्पॉट बने हुए है,वहां सुरक्षात्मक उपाय किये जाना चाहिए।डॉ पांडेय ने आगे बताया कि मार्ग के दोनों ओर पटरी नही बनाये जाने के कारण सडक ऊंची हो गई।इसके अलावा निर्माण ठेकेदारों द्वारा मार्ग में दोनों ओर प्रकाश व्यवस्था,संकेतक,वृक्षारोपण आदि कार्य मे भी लापरवाही बरती जा रही है।निर्माण लागत से कई गुना अधिक टोल वसूली कर ली गई है।उसके बावजूद इस महत्वपूर्ण सड़क मार्ग को सुधारने के लिए कोई कार्यवाही नही की जा रही है।इस मार्ग के निरीक्षण के लिए पुनः विधायकों की समिति बनाई जाकर परीक्षण करे।विधायक डॉ पांडेय के इस आग्रह पर लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा लेबड़-नयागांव प्रदेश का महत्वपूर्ण सड़क मार्ग है,मार्ग क्षतिग्रस्त होने की शिकायत हो रही है,जिसकी जांच कराई जाएगी।आगामी दिनों में विधायकों की समिति बनाई जाकर मार्ग का परीक्षण कराया जाएगा।इसके अलावा मार्ग सुधार के लिए निर्माण कंपनी को भी निर्देशित की जा रही है।इसके अलावा यह भी परीक्षण कराया जाएगा निर्माण लागत की पूर्ति के बाद अधिक टोल वसूली होने की स्थिति में मार्ग को शासनाधीन लिए जाने की कार्यवाही की जा सकती है।