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सब अजब गजब है : वाह क्या बात है ! निर्वाचित होने के बावजूद भी नहीं होगी घोषणा, निर्वाचन आयोग का फरमान

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 मामला ओबीसी के आरक्षित पदों पर निर्वाचन का

 पहले चरण के मतदान के 15 दिन पहले घोषणा

 सरकार आखिर स्पष्ट क्यों नहीं कर रही है कि वह चाहती क्या है ?

हरमुद्दा
बुधवार, 22 दिसंबर। वास्तव में एमपी अजब गजब है। वाह क्या बात है! अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित पदों की चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने के बाद अब राज्य निर्वाचन आयोग ने परिणाम की घोषणा पर भी रोक लगा दी है। त्रिस्तरीय पंचायत के पहले चरण के लिए मतदान छह जनवरी और दूसरे चरण के लिए 28 जनवरी को होगा। मतगणना भी निर्धारित दिनांक को होगी, पर परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा। निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति में भी निर्वाचित अभ्यर्थी के निर्वाचन की न तो घोषणा की जाएगी और न ही प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इस मुद्दे पर सरकार आखिर स्पष्ट क्यों नहीं कर रही है कि वह चाहती क्या है?

राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन में यह निर्देश कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिए हैं।

सारणीकरण और परिणाम की कार्रवाई स्थगित

बुधवार को आयोग के सचिव बीएस जामोद ने निर्देश दिए कि त्रिस्तरीय पंचायत के सभी पदों के लिए मतगणना का सारणीकरण तथा निर्वाचन परिणाम की घोषणा से जुड़ी कार्रवाई स्थगित रहेगी। इस संबंध में आयोग अलग से निर्देश जारी करेगा। पहले चरण में पंच और सरपंच के लिए छह जनवरी को मतदान के बाद मतगणना होगी।

दस जनवरी को जनपद और जिला पंचायत सदस्य के लिए विकासखंड मुख्यालय पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से मतों की गणना की जाएगी। इसी तरह दूसरे चरण में पंच और सरपंच पद के लिए 28 जनवरी और जनपद व जिला पंचायत सदस्य के लिए एक फरवरी को विकासखंड मुख्यालय पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से मतों की गणना की जाएगी।

सरकार आखिर स्पष्ट क्यों नहीं कर रही है कि वह चाहती क्या है?

मतगणना से संबंधित सभी अभिलेख अभ्यर्थी या उनके अभिकर्ताओं की उपस्थिति में सील बंद करके सुरक्षित अभिरक्षा में रखे जाएंगे। आयोग के इस आदेश पर नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने कहा कि मतदान और मतगणना कराई जा रही है पर परिणाम घोषित नहीं होंगे। ओबीसी के लिए आरक्षित पदों के लिए चुनाव नहीं होंगे। नए-नए आदेशों से पंचायत चुनाव को लेकर अनिश्चितता का माहौल बढ़ता जा रहा है। सरकार आखिर स्पष्ट क्यों नहीं कर रही है कि वह चाहती क्या है?

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