कृपा ईश्वर की मिले अथवा गुरु की, लेने का अवश्य करें प्रयास : भागवताचार्य
श्रीमद् भागवत ग्रंथ की निकाली शोभायात्रा
राजपूत समाज द्वारा सात दिवसीय श्रीमद् भागवत सप्ताह शुरू
हरमुद्दा
रतलाम, 25 दिसंबर। हमारे जीवन में ऊर्जा के जितने स्रोत है, उनमें से एक है, किसी की कृपा प्राप्त कर लेना। यदि कृपा करने का वाला गुरु या ईश्वर है तो समझ लीजिए, आपके भीतर ऊर्जा का भंडार उतर रहा है। थकान मनुष्य का स्वभाव है। इसलिए उसे विश्राम भी लेना पड़ेगा। जब वह मध्यकाल आए जिसमें आप थकान मिटा रहे हो और एक नये उत्साह की तलाश में हो तो तुरंत अपने आप को गुरु व ईश्वर से जोड़ देना। ईश्वर की कृपा प्राप्त हो जाए, तो निराशा दूर हो जाती है । गुरु कृपा मिले या ईश्वर की, लेने का प्रयास जरूर कीजिए।
यह विचार भागवत आचार्य हेमंत काश्यप ने व्यक्त किए। श्री काश्यप श्रीमद् भागवत सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर धर्मालुओं को संबोधित कर रहे थे।
श्री राजपूत नवयुवक मंडल न्यास एवं महिला मंडल हाथी खाना रतलाम के तत्वावधान में सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ शनिवार को हुआ। भागवत कथा के प्रारंभ में पोथी पूजन एवं व्यासपीठाचार्य पं. हेमंत कश्यप का स्वागत श्रीमती उषा पंवार द्वारा किया गया ।
निवास स्थान से निकली श्रीमद् भागवत ग्रंथ की शोभायात्रा
इससे पूर्व कथा की शोभा यात्रा मुख्य यजमान श्रीमती उषा स्व. ठाकुर तखतसिंह पंवार पुत्र मनोज सिंह पंवार के निवास स्थान से प्रारंभ होकर नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए श्री राजपूत धर्मशाला हाथीखाना पर पहुंची। शोभा यात्रा में यात्रा का स्वागत गोपालसिंह गेहलोत मित्र मंडल श्री राजपूत नवयुवक मंडल न्यास, राजेन्द्र सिंह पंवार ( बापू) परिवार द्वारा किया गया। श्रीमद् भागवत विश्राम संध्या पर अंत में आरती कर प्रसादी वितरण की। इस अवसर पर राजेन्द्र सिंह गोयल, मनोहर सिंह चौहान , शैलेन्द्रसिंह एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।