महाराजा सूरजमल में था वीरता, धीरता, गंभीरता एवं दूरदर्शिता का सुखद संगम

 श्री वीर तेजा सेना भारत ने मनाया बलिदान दिवस, हुए विविध आयोजन, हुआ रक्तदान, कंबल वितरण

हरमुद्दा
रतलाम, 25 दिसंबर। भरतपुर रियासत के हिंदू जाट शासकमहाराजा सूरजमल जाट थे।  महाराजा सूरजमल में वीरता, धीरता, गंभीरता एवं दूरदर्शिता का सुखद संगम समाहित था। समकालीन इतिहासकारों ने उन्हें “जाटों का प्लूटो” कहा है।

यह बात श्री वीर तेजा सेना भारत की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुसुम चाहर ने कही। श्रीमती चाहर महाराजा सूरजमल जाट के बलिदान दिवस पर आयोजित रक्तदान शिविर में मौजूद थी। शूरवीर योद्धा का 25 दिसंबर को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती चाहर के नेतृत्व में कई कार्यक्रम किए गए। रक्तदान, जरूरतमंद लोगों को नए गर्म कपड़े, कंबल वितरित किए गए।

रक्तदान करते हुए सेना के सदस्य

पिछड़ा वर्ग आरक्षण समाप्त करने पर बांधी काली पट्टी, जताया विरोध

इसके पश्चात मध्यप्रदेश शासन द्वारा पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण समाप्त करने के विरोध में जाट समाज की महिलाओं द्वारा काली पट्टी बांधकर विरोध जताया गया। इस अवसर पर श्री वीर तेजा सेना भारत की सभी पदाधिकारी तथा सदस्याएं मौजूद थी।

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