गंदगी में रहने वाली मल्लिका को होने लगी थी बदबू से परेशानी, पांव की आहट से पहचान लेती कौन आया, नहीं रही दुनिया में
6 साल चल रहा था उपचार
डॉक्टरों के उपचार से होने लगा था बदलाव
हरमुद्दा
रतलाम, 27 दिसंबर। मनोरोगी नालियों, कचरे के ढेर से पन्नियां बीनना, गंदगी में पड़े रहना जिसे अच्छा लगता था। यह महिला को 6 वर्ष पूर्व गणेश मंदिर, टीआईटी रोड से नागरिकों के द्वारा भेजे गए संदेश पर समाजसेवी रोगी कल्याण समिति सदस्य गोविंद काकानी द्वारा जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में लाकर भर्ती करवाया था। डॉक्टरों द्वारा इलाज से उसके अंदर बदलाव आने लगा और थोड़े वक्त के बाद ही महिला वार्ड में सफाई ट्राली से नफरत कर बदबू आ रही है शिकायत करने लगी। अब इस दुनिया में नहीं रही।
दोनों आंखों का करवाया ऑपरेशन
यह 80 वर्षीय वृद्ध दक्षिण भारतीय महिला जिसे मल्लिका के नाम से सभी लोग पुकारते। समय के साथ वार्ड के कर्मचारी और समाजसेवी गोविंद काकानी के साथ हिल मिल गई।
उसकी दोनों आंखों में मोतियाबिंद हो गया। डॉक्टरों ने ऑपरेशन का बोला। ऑपरेशन थिएटर में ले जाने के बाद मनोरोगी होने के कारण संभव नहीं हो पा रहा था। आंखों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर दीप व्यास द्वारा काकानी को ऑपरेशन के वक्त मल्लिका के साथ उसे संभालने के लिए ऑपरेशन थिएटर में रहने का निवेदन किया और उनकी उपस्थिति में मल्लिका ने एक के बाद एक दोनों आंखों में ऑपरेशन करवा लिया।
भय्यू-भय्यू कहकर आवाज लगाती
पिछले 2 वर्ष से उसे अधिक उम्र के कारण दिखना बंद हो गया परंतु उसके पश्चात भी पांव की आहट से भी पहचान लेती थी। कई बार रात्रि के समय आइसोलेशन वार्ड के कार्य पर जाने पर उठ कर बैठ जाती और भय्यू-भय्यू कहकर आवाज लगाती, तब उसे बताना पड़ता था। अभी रात है सुबह आऊंगा, नाश्ता लेकर।
हो गई उसकी मौत
रविवार सुबह नाश्ता देते वक्त तबीयत ठीक नहीं लगी। हाथ पैर ठंडे लग रहे थे। श्री काकानी द्वारा तुरंत डॉक्टर को बुला कर दिखवाया परंतु 2 घंटे बाद इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। समाचार अस्पताल चौकी प्रभारी प्रधान आरक्षक अशोक शर्मा द्वारा प्राप्त हुआ।
भक्तन की बावड़ी पर की अंतिम संस्कार
अनेक वर्षों से रहने पर भी कोई भी परिजन की जानकारी नहीं मिली होने से तत्काल अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। भक्तन की बावड़ी पर विधि विधान से इस सप्ताह में दूसरी बार (5 दिन पूर्व लावारिस 30 वर्षीय पुरुष कालिका माता से मृत अवस्था में) स्वर्गीय कांतिलाल माणकलाल लाठी की स्मृति में लाठी परिवार द्वारा दी गई राशि से गजेंद्र ओझा, दिलीप दवे , गोविंद काकानी द्वारा अंतिम संस्कार किया गया। समन्वय परिवार, प्रभु प्रेमी संघ, रोगी कल्याण समिति व काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की गई।