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पहल : कोरोना काल में खोया अपना जीवनसाथी… श्वेतांबर जैन समाज ने उन्हें फिर से सफर शुरू करने दिया मंच

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 श्वेतांबर जैन विधवा-विधुर और तलाकशुदा का हुआ परिचय सम्मेलन

 विधवा महिला ने दीप प्रज्वलन कर किया परिचय सम्मेलन का शुभारंभ

 प्रतिभागियों ने मंच से बताया कैसा होना चाहिए भावी जीवनसाथी

हरमुद्दा
इंदौर, 26 दिसंबर। अखिल भारतीय जैन श्वेतांबर सोशल ग्रुप फेडरेशन (रजिस्टर्ड) के दो दिवसीय आयोजन का दूसरा दिन श्वेतांबर जैन विधवा-विधुर, तलाकशुदा प्रतिभागियों के नाम रहा। दिनभर चले इस परिचय सम्मेलन में 230 प्रतिभागियों ने भाग लेकर मंच से अपना परिचय दिया।

परिचय देते हुए पुरुष प्रतिभागी
परिचय देते हुए युवतियां

अ भा जैन श्वेताम्बर सोश्यल ग्रुप्स फेडरेशन वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमन्त कोठारी ने हरमुद्दा को बताया सोमवार को लाभ मंडपमअभय प्रशाल इंदौर  में आयोजित इस परिचय सम्मेलन की शुरुआत एक विधवा प्रत्याशी ने दीप प्रज्वलित कर की। इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉ नरेंद्र धाकड ,फेडरेशन के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष और मार्गदर्शक वीरेंद्रकुमार-रेखा जैन, राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय नाहर, पीयूष जैन, प्रकाश भटेवरा, राजेंद्र जैन, अजय जैन, भरत शाह, प्रभात चोपड़ा भी मौजूद रहे।

230 प्रतिभागियों ने दिया परिचय

नरेंद्र संचेती और सीए नरेंद्र भंडारी ने बताया कि दिनभर चले इस परिचय सम्मेलन में 230 प्रतिभागियों ने भाग लेकर मंच से अपना परिचय दिया। हेमंत कोठारी और वीरेंद्र नाहर ने जानकारी दी कि परिचय सम्मेलन में इंदौर सहित पूरे मध्यप्रदेश के अन्य शहरों और महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात से भी प्रतिभागी शामिल हुए।

घर की विधवा बहू को लेकर आए परिजन परिचय सम्मेलन में

रितेश शेखावत और पंकज बाफना ने बताया कि फेडरेशन की यह पहल समाज के ऐसे युवक-युवतियों के लिए की गई, जिनका तलाक हो चुका है या उनके जीवन साथी की मौत हो चुकी है। सभी ने इस पहल का अच्छे से स्वागत किया है। कई परिवार अपने घर की विधवा बहू को परिचय सम्मेलन में लेकर आए, ताकि उनका भी घर बस सकें। सभी प्रतिभागियों से मास्टर ऑफ सेरेमनी पूजा जैन ने सवाल किये ।

राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र तक से आए युवक

परिचय सम्मेलन में शामिल होने आए अधिकतर प्रतिभागी तलाकशुदा रहे, तो उनकी संख्या भी ज्यादा रही, जिन्होंने कोरोना काल के इस 2 साल में अपने जीवनसाथी को खो दिया है। उन्होंने समाज की इस पहल और परिवार के साथ से एक बार फिर अपना घर बसाने की सोची और सम्मेलन में शामिल हुए। 38 साल के ऋषि कोचर तलाकशुदा हैं और वे इस परिचय सम्मेलन में मुंबई से शामिल होने के लिए आए। उन्होंने खुलकर अपनी इच्छा मंच से बताई और कहा कि अगर होने वाली पत्नी काम करना चाहे, तो वह इसका पूरा सपोर्ट करेंगे। महाराष्ट्र थाणे के डोंबिवली, गुजरात के हालोल, राजस्थान के कुशलगढ़, और बेरछा मंडी के साथ ही इंदौर से भी युवक शामिल हुए। कई युवकों ने अपने भावी जीवनसाथी के साथ आने वाले बच्चे को स्वीकारने की बात कही।

एक साल पहले खोया पति को, ससुराल वाले चाहते हैं अब बस जाए घर

आयोजन में उपस्थित गणमान्य जन

परिचय सम्मेलन में कई युवतियां ऐसी शामिल हुई, जिनका तलाक हो चुका है, तो कई ऐसी भी शामिल रहीं, जिन्होंने कोरोना या किसी अन्य बीमारी में अपने जीवनसाथी को खो दिया है। इंदौर, गुजरात, मंदसौर, सिलवासा सहित कई अन्य शहरों से युवतियां शामिल हुई। कोरोना काल में अपने पति को खो चुकी एक विधवा महिला को उन्हीं के ससुराल वाले इस परिचय सम्मेलन में लेकर आए, ताकि उनका फिर से घर बस सकें। कुछ तलाकशुदा युवतियां थी, तो कई ऐसी महिलाएं भी थी, जिनके बच्चे हैं। रतलाम ग्रुप के पदाधिकारी चन्द शेखर  सोनी, सन्दीप चौहान, प्रदीप डाँगी, पंकज श्रीमाल, श्री निवास जैन सुनील चोरडिया, जितेंद्र चोपड़ा, जय नाहर नीलेश पोरवाल, अजय जैन ने फेडरेशन के दारा आयोजित दो दिवसीय परिचय सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय नाहर एव सभी संयोजक को बधाई दी

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