स्किल से विचारों को बदलते हुए हासिल किया उन्होंने अपना मुकाम, जबकि थे वे ड्रॉप आउट
शासकीय कन्या महाविद्यालय में सात दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन
हरमुद्दा
रतलाम, 7 जनवरी। आगे बढ़ने के लिए केवल बड़े इंस्टिट्यूट ही नहीं बल्कि साधारण स्कूल या महाविद्यालय से निकले छात्र भी अपने स्किल्स के आधार पर अपने व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं। अनेकों बड़े उद्योगपति हैं जोकि ड्रॉप आउट है, पर उन्होंने अपने विचारों को बदलते हुए अपने कौशल के आधार पर अपना मुकाम हासिल किया है।
यह विचार प्रमुख वक्ता रवींद्र परिहार ने व्यक्त किए।अवसर था शासकीय कन्या महाविद्यालय में सात दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन का। स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ एवं मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में “व्यक्तित्व विकास” विषय पर सात दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन सैडमैप के विजय चौरे के मुख्य आतिथ्य एवं प्राचार्य डॉ .आर . के. कटारे की अध्यक्षता में हुआ। प्रमुख वक्ता के रूप में रविंद्र परिहार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में गुणवत्ता प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. अनिल जैन थे।
आत्मविश्वास को बनाए रखने के लिए हमेशा रहे कार्यशील
प्राचार्य कटारे ने कहा कि आत्मविश्वास से किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक किया जा सकता है, अतः व्यक्ति को हमेशा आत्मविश्वास को बनाए रखने के लिए कार्यशील रहना चाहिए जिससे उसका व्यक्तित्व प्रभावशाली हो सके।
सरस्वती पूजन से हुई कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम का आरंभ मां सरस्वती का पूजन तथा स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण करने से हुआ। अतिथियों का स्वागत प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ माणिक डांगे, डॉ. स्नेहा पंडित, प्रो. सौरभ गुर्जर, डॉ. बी वर्षा, डॉ मीना सिसोदिया ने किया। डॉ. माणिक डांगे ने प्रारंभ में सात दिवसीय कार्यशाला के आयोजन की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।
यह थे मौजूद
इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ. सुनीता श्रीमाल, डॉ. मंगलेश्वरी जोशी, प्रो.नारायण विश्वकर्मा, डॉ. पुष्पा कपूर, डॉ. मीना सिसोदिया, डॉ. सरोज खरे, डॉ.संध्या सक्सेना, डॉ. अनामिका सारस्वत, डॉ. आनंद सैंडल, प्रो. सौरभ गुर्जर, प्रो. निलोफर खामोशी, प्रो ऋतिका श्रीवास्तव, प्रो. रवि चौबे, प्रो. मेघा आचार्य, शिव प्रकाश पुरोहित, निशांत जोशी, मुन्नी काग उपस्थित रहे। संचालन प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. माणिक डांगे ने किया। आभार समिति सदस्य डॉ. स्नेहा पंडित ने माना l