बर्फबारी जान पर पड़ गई भारी : करीब दो दर्जन महिला, पुरुष और बच्चों की दम घुटने से हो गई मौत, सेना पहुंची मौके पर

 ठंड से बचने के लिए कारों में चला लिए थे हीटर

 ऑक्सीजन की कमी से हो गई मौत, मरने वालों में 10 बच्चे भी शामिल

हरमुद्दा
सोमवार, 10 जनवरी। सैलानियों पर बर्फबारी भारी पड़ गई। कार में बैठे दो दर्जन लोगों ने ठंड से बचने के लिए हीटर चला लिया। नतीजतन ऑक्सीजन की कमी हुई और मौत हो गई। मरने वालों में 10 बच्चे भी शामिल है। बर्फबारी में फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना अथक प्रयास कर रही है। जहां पर घटना हुई है, वहां का जिला प्रशासन बर्फबारी और सैलानियों की भारी भीड़ से निपटने के लिए तैयार नहीं था।

बचाव कार्य करते हुए

दिल दहलाने वाला यह मामला हुआ है। पाकिस्तान के हिलस्टेशल मुर्री में। यहां सालों बाद हुई भारी बर्फबारी पर्यटकों की जान पर भारी पड़ी है। दरअसल, अचानक शुरू हुई भारी बर्फबारी के कारण सैकड़ों वाहन फंस गए। बर्फबारी इतनी तेजी थी कि लोग बाहर नहीं निकल पा रहे थे। घण्टों वाहन फंसे रहे। धीरे-धीरे छोटी गाड़ियां बर्फ में दबती गईं। इस दौरान कुछ लोगों ने कार के हीटर चालू कर लिए। इससे अंदर ऑक्सीजन की कमी हो गई। अब तक 23 लोगों के मारे जाने की सूचना है, जिनमें 10 मासूम बच्चे हैं। इसके बाद सेना लगाई गईं और बाकी यात्रियों को बचाया गया। Pakistan Murree के इस घटनाक्रम से आ रहे फोटो और वीडियो बहुत दर्दनाक है।

1000 गाड़ियां फंसी, पर्यटक हो गए असहाय

बर्फबारी के बाद जाम में फंसे वाहन

हजारों वाहनों के मुर्री शहर में प्रवेश कर लिया। ट्रैफिक की स्थिति बिगड़ी तो रावलपिंडी जिले के मुर्री में सभी मार्गों को बंद कर दिया गया, जिससे पर्यटक सड़कों पर असहाय हो गए। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, करीब 1000 कारें हिल स्टेशन पर फंसी गईं, जिसके बाद यह दर्दनाक हादसा हुआ। पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने बचाव कार्य में तेजी लाने और फंसे हुए पर्यटकों को सहायता प्रदान करने के निर्देश जारी किए। स्थानीय प्रशासन के नाकाम रहने के बाद सेना बुलाई गई। पंजाब सरकार ने अस्पतालों, पुलिस थानों और प्रशासनिक कार्यालयों में आपातकाल की स्थिति लागू कर दी है।

जिला प्रशासन नहीं था तैयार त्रासदी से निपटने के लिए

प्रधानमंत्री इमरान खान ने पर्यटकों की मौत पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, अभूतपूर्व बर्फबारी और पूर्वानुमान के बिना पहुंची भारी भीड़ को संभालने के लिए जिला प्रशासन को तैयार नहीं था। इस तरह की त्रासदियों की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए जांच और कड़े नियम बनाने का आदेश दिया है।

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