कोरोना वायरस : यदि शरीर में हो रहा है आपको ऐसा, तो समझ लो ओमिक्रॉन ने है कसा, वैक्सीनेटेड लोगों में इसके लक्षण हल्के

🔲 ओमिक्रॉन के सामने आए 20 लक्षण

🔲 समय रहते करें बचाव

हरमुद्दा
मंगलवार, 18 जनवरी। डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन के लक्षण कम दिनों तक रहते हैं। लोगों में लक्षण बहुत कम समय के लिए दिखाई देते हैं, खासतौर से पहले सप्ताह में। अगर लोग 5 दिनों के बाद टेस्ट में नेगेटिव आते हैं तो इसका मतलब है कि इन 5 दिनों में ये लक्षण आ कर चले गए। यानी ये जितनी तेजी से दिखाई देते है, उतनी ही तेजी से चले जाते हैं। ज्यादातर लोगों में ओमिक्रॉन के लक्षण 3 से 5 दिनों तक रहते हैं। वैक्सीनेटेड लोगों में इसके लक्षण हल्के हैं। ओमिक्रॉन उन लोगों में ज्यादा गंभीर है जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली है।

एक नजर ओमिक्रॉन के 20 लक्षण (Top 20 Omicron symptoms)-

1.सिरदर्द
2.नाक बहना
3.थकान
4.छींक आना
5.गले में खराश
6.लगातार खांसी
7.कर्कश आवाज
8.ठंड लगना या कंपकंपी
9.बुखार
10.चक्कर आना
11.ब्रेन फॉग
12.सुगंध बदल जाना
13.आंखों में दर्द
14.मांसपेशियों में तेज दर्द
15.भूख ना लगना
16.सुगंध महसूस ना होना
17.छाती में दर्द
18.ग्रंथियों मे सूजन
19.कमजोरी
20.स्किन रैशेज

कब तक रहते हैं ये लक्षण

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार ओमिक्रॉन के लक्षण डेल्टा की तुलना में तेज गति से दिखाई देते है और इनका इनक्यूबेशन पीरियड (incubation period) भी कम होता है। ओमिक्रॉन के मरीजों में संक्रमित होने के 2 से 5 दिनों के बाद लक्षण नजर आते हैं। ब्रिटिश एपिडेमोलॉजिस्ट टिम स्पेक्टर के अनुसार आमतौर पर जुकाम जैसे लक्षण ओमिक्रॉन के ही होते हैं जो औसतन 5 दिनों तक रहते हैं। हालांकि पाबंदियों, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने का बहुत असर पड़ता है और इसकी वजह से फ्लू के मामले भी घटे हैं।

वैक्सीनेटेड लोगों में इसके लक्षण हल्के

टिम स्पेक्टर का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों में फिलहाल कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। कोरोना के ज्यादातर मरीज ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron variant) से ही संक्रमित हैं। ओमिक्रॉन के लक्षणों में कई तरह के बदलाव देखे गए हैं। हर मरीजों में ये लक्षण अलग-अलग तरीके से नजर आते हैं। UK की ZOE कोविड स्टडी में ओमिक्रॉन (Omicron symptoms) के सभी 20 लक्षणों के बारे में जानकारी दी गई है। साथ ही ये भी बताया गया है कि शरीर में ये लक्षण कम से शुरू होकर कब तक बने रहते हैं। ओमिक्रॉन के ज्यादातर मरीजों में इनमें से अधिकांश लक्षण (Omicron symptoms) देखने को मिल रहे हैं।

ओमिक्रॉन से बन रही एंटीबॉडी, वायरस का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता

एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि ओमिक्रॉन के मामलों में अब तब गंभीर लक्षण सामने नहीं आए हैं। साथ ही ओमिक्रॉन से रिकवर होने वालों का इम्यूनिटी लेवल भी अच्छा होगा। एक्सपर्ट मानते हैं कि नए वैरिएंट पर काबू पाने के बाद यह इम्यूनिटी लंबे समय तक लोगों के शरीर में बनी रह सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंजीलिया के इंफेक्शियस डिसीज एक्सपर्ट प्रोफेसर पॉल हंटर का कहना है कि ओमिक्रॉन या दूसरा कोई भी वैरिएंट इम्यूनिटी को बेहतर बनाता है। फिर यही इम्यूनिटी उस वैरिएंट के खिलाफ ज्यादा असरदार बन जाती है। हालांकि ये दूसरे लोगों को संक्रमित करना तब भी जारी रखता है। संक्रमितों पर हुई स्टडीज के मुताबिक, वायरस की चपेट में आए मरीजों के शरीर में एंटी-एन एंटीबॉडीज पाए गए हैं और इसलिए रिकवर होने के बाद उनके शरीर पर वायरस का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है।

कोरोना से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप वैक्सीन की डोज और बूस्टर लगवाएं

वहीं इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों की एक स्टडी के मुताबिक आम सर्दी-जुकाम से भी शरीर में कोविड से लड़ने की इम्यूनिटी बढ़ती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि आम खांसी और छीकें टी कोशिकाओं (T cells) को बढ़ाती हैं। ये कोशिकाएं ही शरीर में कई तरह के वायरस को पहचानने का काम करती हैं। डॉक्टर रिया कुंडू ने द सन को बताया, ‘हमने पाया कि पहले से मौजूद टी कोशिकाओं के उच्च स्तर से कोविड संक्रमण से बचा सकता हैं। ये एक महत्वपूर्ण खोज है लेकिन ये सुरक्षा का केवल एक रूप है और सिर्फ इसी पर अकेले भरोसा नहीं किया जा सकता। कोरोना से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप वैक्सीन की डोज और बूस्टर लगवाएं।

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