लापरवाही में विक्रम का चक्रम बरकरार : एक आदेश में सभी परीक्षाएं निरस्त, दूसरे आदेश में परीक्षाएं यथावत

 28 जनवरी से प्रस्तावित परीक्षाएं होगी यथावत, इसके शेड्यूल में नहीं हुआ बदलाव

 सोमवार को ही 20 जनवरी से होने वाली परीक्षाएं स्थगित किए जाने की जारी की गई थी अधिसूचना

हरमुद्दा
रतलाम, 18 जनवरी। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की परीक्षाक प्रणाली और अंक सूचियों को लेकर लापरवाही अब भी सुधरने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार को विक्रम विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव परीक्षा ने 20 जनवरी से शुरू होने वाली सभी परीक्षा को स्थगित कर दिया था, रात को कुलसचिव ने फिर एक और आदेश निकाला और कहा गया कि 28 जनवरी से शुरू होने वाली परीक्षाएं यथावत रहेगी। विक्रम विश्वविद्यालय में कोई तालमेल नहीं है। इसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है।

विक्रम विश्वविद्यालय को चक्रम यूनिवर्सिटी भी लोग कहते हैं। क्योंकि विक्रम यूनिवर्सिटी की लापरवाही हद दर्जे तक होती है अंकसूची में विद्यार्थियों को फेल कर दिया जाता है अनुपस्थित बताकर। जबकि वह सभी परीक्षाएं देता है। उपस्थित रहता है काफी जद्दोजहद के बाद उसे पास किया जाता है और जो अनुपस्थित रहता है, उसे पास कर दिया जाता है ऐसा कई बार देखने में आया है। उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किए बिना ही मार्कशीट तैयार कर दी जाती है। सोमवार को भी विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा जारी आदेश के बाद विद्यार्थी खुश खुशहाल हो गए थे कि चलो इस बार भी एग्जाम नहीं होगी मगर खुशी अब काफूर हो गई है। विक्रम विश्विद्यालय उज्जैन के कुलसचिव द्वारा सोमवार देर शाम नई अधिसूचना जारी की गई। इसके अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा सिर्फ 20 जनवरी से 27 जनवरी के मध्य होने वाली परीक्षाओं को स्थगित किया गया है। इसकी वजह इस अवधि में प्रायोगिक परीक्षाओं की तारीखें होना है। प्रायोगिक परीक्षाओं के चलते 20 जनवरी से 27 जनवरी तक प्रस्तावित मुख्य परीक्षाओं को स्थगित कर आगामी दिनों में कराने का निर्णय लिया गया है।

8 दिन की परीक्षा का कार्यक्रम होना होगा

कुलसचिव के अऩुसार 28 जनवरी व इसके बाद की सभी परीक्षाएं यथावत पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार ही आयोजित की जाएंगी। 20 जनवरी व उसके बाद की परीक्षाओं का कार्यक्रम शीघ्र ही जारी किया जाएगा। गौरतलब है कि विश्विद्यालय द्वारा सोमवार को ही दोपहर में अधिसूचना जारी की गई थी जिसमें 20 जनवरी से होने वाली परीक्षाएं स्थगित करने की सूचना दी गई थी। इसकी वजह अपरिहार्य कारण बताया गया था। हालांकि कुछ समय पश्चात ही संशोधित सूचना जारी की गई।

पहला आदेश

दूसरा आदेश

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