मनाया विश्व वेटलैंड दिवस : सभी जलाशय के महत्व को समझें और करें संरक्षण : चक्रवर्ती

 “वेटलैंड और उनके संरक्षण में मानवीय भूमिका” विषय पर ऑनलाइन वेबिनार

हरमुद्दा
रतलाम, 2 फरवरी। प्रदेश स्तर पर विश्व वेटलैंड दिवस मनाया गया। इस  अवसर पर राष्ट्रीय हरित कोर योजना अंतर्गत एप्को द्वारा  वेटलैंड और उनके संरक्षण में मानवीय भूमिका विषय पर ऑनलाइन वेबिनार रखा गया। हनुमान ताल पर हुए आयोजन में ईको क्लब के विद्यार्थी, पर्यावरण विद खुशहाल सिंह पुरोहित, रत्नेश विजयवर्गीय, ईको क्लब के मास्टर ट्रेनर कृष्ण लाल शर्मा, गिरीश सारस्वत, सीमा अग्निहोत्री व अन्य मौजूद थे।

पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन भोपाल के निर्देशानुसार  हुए वेबिनार को सम्बोधित करते हुए एप्को के नोडल अधिकारी दिलीप चक्रवर्ती ने बताया कि आद्र भूमि दिवस मनाने का उद्देश्य है कि सभी जलाशय के महत्व को समझें व उसका संरक्षण करें। इसके लिए जलाशय का समझदारी से उपयोग हो तथा पिछले 50 वर्षो में जो 30%जलाशय समाप्त हुए हैं उनको पुनर्जीवित किया जाए।

वेटलैंड को सुरक्षित रखने के लिए बनाने होंगे नियम

विषय विशेषज्ञ सुदेश वाघमरे ने बताया कि जलाशय के समाप्त होने की दर, वनों के समाप्त होने की दर से तीन गुनी है। वेटलैंड में कई जलीय जीव व वनस्पति होने के कारण इसे बॉयोलोजिकल सुपर मार्केट बीहि कहा जाता है। वेटलैंड को सुरक्षित रखने के लिए नियम बनाने होंगे।

जागरूकता अभियान की जरूरत

वरिष्ठ वैज्ञानिक महेश मिश्रा ने सभी से अनुरोध किया कि तालाब, झील को सुरक्षित रखने के लिए जागरूकता अभियान चलाने होंगे।

विद्यार्थियों को करवाया हनुमान ताल का भ्रमण

एप्को की मंशा के अनुसार इको के जिला प्रभारी कृष्णलाल शर्मा व गिरीश सारस्वत के साथ पर्यावरणविद डॉ. खुशहाल सिंह पुरोहित व सीमा अग्निहोत्री ने जिले के विद्यार्थियों को  हनुमान तालाब का भ्रमण कराया गया।

आर्द्रभूमि जैव विविधता का एक महत्‍वपूर्ण अंग

इस अवसर पर मप्र जन अभियान परिषद के जिला प्रभारी रत्नेश विजयवर्गीय ने कहा कि धरती पर केवल मानव का ही अधिकार नहीं है अपितु इस धरती पर जन्‍म लेने वाली हर एक प्रजातियों का भी उतना ही अधिकार है। आर्द्र भूमि जलीय एवं स्थलीय जैव-विविधताओं का मिलन स्थल होने के कारण यहाँ वन्य प्राणी प्रजातियों व वनस्पतियों की प्रचुरता पाए जाने की वज़ह से वेटलैंड समृ़द्ध पारिस्थतिकीय तंत्र है। आर्द्रभूमि जैव विविधता का एक महत्‍वपूर्ण अंग है  ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपनी जैव विविधता का सरंक्षण करें। इस अवसर पर जलाशय के आसपास की सफाई के पश्चात क्विज आयोजित कर प्रमाणपत्र वितरित किए गए।

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