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और हार गया मासूम जिंदगी : मासूम ने कुछ दिन पहले ही चलना सीखा और कदम बढ़ गए मौत की ओर

 पिता गए किचन की ओर और मासूम बालकनी की तरफ

 6 घंटे चला उपचार और हो गई मौत

हरमुद्दा
रतलाम, 20 मार्च। पिता बच्चों के साथ बैठे हुए थे। पत्नी किचन में कार्य कर रही थी। तभी पिता भी किचन की ओर गए। पीछे पीछे बड़ा बेटा चला गया लेकिन छोटा उत्कर्ष वहीं सोफे के पास था। एक साल के मासूम ने कुछ दिन पहले ही चलना सीखा था। उसने अपने कदम बालकनी की ओर बढ़ा लिए। चलने का यह उत्साह ही उसके लिए मौत का कदम बन गया। बालकनी की रेलिंग से उत्कर्ष नीचे गिर गया। किचन से पिता बाहर आए तो छोटा बेटा नजर नहीं आया। इधर उधर ढूंढा। बालकनी की तरफ गए। नीचे झांका तो मासूम नीचे पड़ा हुआ था। तत्काल नीचे गए। मासूम की सांसे चल रही थी। सिर में चोट लगी थी। मासूम को निजी अस्पताल ले गए। 6 घंटे तक उपचार चला, लेकिन वहां जिंदगी की जंग हार गया।

बालकनी की गैलरी से उत्कर्ष नीचे गिर गया

यह हादसा हुआ कोलार क्षेत्र की कस्टम कॉलोनी निवासी उत्कर्ष पिता अरविंद काकोड़िया के साथ। पिता श्री काकोड़िया शाहपुरा थाने में कांस्टेबल के पद पर पदस्थ हैं। मूल रूप से नूरगंज (रायसेन) के रहने वाले हैं। पत्नी और दो बच्चों के साथ कस्टम कॉलोनी में रहते हैं। बड़ा बेटा 6 साल का है और छोटा 1 साल का उत्कर्ष था। बेटे की मौत के बाद अरविंद और उसकी पत्नी सदमे में है।

पछता रहे हैं अब

श्री काकोड़िया ने बताया कि जरा सी लापरवाही के कारण बेटे को खो दिया है वैसे उसको में तोककर ही घूमता था। लेकिन उसने जब से चलना सिखा तो उसका हौसला बढ़ाने के लिए नीचे छोड़ देता था लेकिन गलती है हो गई कि उसे छोड़कर में कीचड़ में चला गया। उसे किचन में साथ लेकर जाता तो यह हादसा नहीं होता। श्री काकोड़िया ने उन सभी अभिभावकों से आह्वान किया है जिनके बच्चे छोटे हैं। कृपया उन को साथ लेकर जाएं वरना ऐसी घटना हो जाती है।

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