श्री साधुमार्गी शान्त क्रांति संघ द्वारा मुमुक्षु सिद्धी रांका का अभिनंदन, 6 अप्रैल को होगी दीक्षा

 सिद्धी ने कहा-यह मेरा नहीं संयम का सम्मान

हरमुद्दा
रतलाम,20 मार्च। जिन शासन गौरव, युग पुरूष श्रद्धेय आचार्य भगवंत 1008 पूज्य श्री विजयराजजी मसा की प्रेरणा से श्री साधुमार्गी शान्त क्रांति संघ ने मुमुक्षु सि़द्धी रांका का समारोहपूर्वक अभिनंदन किया। इस मौके पर मुमुक्षु सिद्धी ने कहा कि यह उनका नहीं संयम का सम्मान है। उन्होंने संयम की अनुमोदना में धर्मावलंबियों से नियमों का पालन का करने का आह्वान भी किया।

रायपुरिया निवासी 19 वर्षीय मुमुक्षु सिद्धी रांका साध्वीश्री स्वर्णप्रभाश्री जी मसा की प्रेरणा से आगामी 6 अप्रैल को वालकेश्वर मुंबई में मुनिश्रेष्ठ श्री प्रेमचन्द जी मसा के मुखारविंद से भगवती दीक्षा ग्रहण करेगी।

आत्म शांति के लिए महावीर स्वामी ने बताई तीन बातें

अभिनंदन समारोह में उन्होंने कहा कि प्रभु महावीर ने एक मात्र आत्म शांति का जो मार्ग बताया है, उसमें तीन बाते महत्वपूर्ण है। पहली भूल स्वीकार करना, जिसे प्रतिक्रमण कहते है। दूसरी समतामय जीवन जीना अर्थात हर परिस्थिति में मैत्री भाव में रहना। इस प्रक्रिया को सामायिक कहते है और तीसरा भूतकाल की गलतियों का नहीं दोहराने का संकल्प अर्थात प्रायश्चित करना है। उनके अनुसार ये तीन प्रक्रियाएं ही जिनशासन की श्रेष्ठ आराधना है, जिन्हें हर श्रावक-श्राविका को करना चाहिए।

यह थे मौजूद

नवकार पौषध शाला सिलावटों का वास में आयोजित इस अभिनंदन समारोह में श्री संघ के विजेंद्र गादिया, युवा संघ के मनीष पिरोदिया, महिला मंडल की राजकुमारी पिरोदिया, बहु मंडल की ज्योति पिरोदिया, दिव्या मूणत, श्वेता पटवा, अंजु पटवा सहित शकुंतला गादिया, विजयलक्ष्मी कांठेड आदि ने विचार, अभिनंदन गीत एवं स्तवन प्रस्तुत कर मुमुक्ष बहन का बहुमान किया। श्री संघ, महिला मंडल, युवा संघ, एवं बहु मंडल ने केशरिया-केशरिया, आज हमारो रंग केशरिया का उदघोष कर मुमुक्षु बहन का अभिनंदन किया। बाद में उनके वीर माता-पिता अनीता रांका एवं सुरेन्द्र रांका का भी अभिनंदन किया गया। समारोह का संचालन हर्षित कांठेड ने किया। अंत में आभार श्री संघ के दिलीप मूणत ने व्यक्त किया।

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