धर्म कभी भी कषाय के साथ मेल नहीं खाता : प्रवर्तकश्री
हरमुद्दा
रतलाम, 20 मार्च। क्रोध, लोभ, मोह, मान, माया आदि सभी कषाय के रूप है। धर्म के मार्ग पर चलने वाले त्यागी के लिए इन सभी कषायों से निरभाव में रहना आवश्यक है, क्योंकि धर्म कभी भी कषाय के साथ मेल नहीं खाता। कषायों के साथ जीने वाला अज्ञानी हैं।
यह बात मालव केसरी प्रसिद्ध वक्ता पूज्य गुरुदेव सौभाग्यमल जी मसा के सुशिष्य श्रमण संघीय प्रवर्तक पंडित रत्न पूज्य श्री प्रकाश मुनिजी मसा निर्भय ने कही। नोलाईपुंरा स्थित श्री धर्मदास जैन मित्र मंडल स्थानक में व्याख्यान देते हुए प्रवर्तकश्री ने कहा कि धर्म और लोक व्यवहार अलग-अलग है। धर्म को हमने जबसे लोक व्यवहार से जोडा, तबसे विवाद और झगडे बढते जा रहे है। शराब में डुबा व्यक्ति जैसे अपना भला-बुरा नहीं समझ पाता, वैसे ही कषायों में जीने वाला व्यक्ति होता है। पच्चीस प्रकार के कषायों के भीतर मनुष्य की आत्मा जलती है, लेकिन वह इन्हंे छोड नहीं पाता हैं। कषाय मोह की संतान है। इनसे मुक्त होने के लिए अंदर से भाव होना आवश्यक है।
प्रवर्तकश्री ने कहा कि सच्चा साधक वहीं होता है, जो कषायों से बचा रहता है। अंदर से बदलाव लाए, उसे ही साधु कहते है। तप आराधना के लिए यदि उपवास किया जाए और मन सुगंध में रमता है, तो उपवास का कोई मतलब नहीं रह जाता। इसी प्रकार साधु में बदलाव नहीं होता, तो वह साधु नहीं है। अंदर का त्याग ही वास्तव में त्याग है। त्यागी को ममता, अहंकार रहित होकर निसंग रहना चाहिए। व्याख्यान के आरंभ में पूज्या महासती महिमा श्री जी मसा ने विचार रखे।
यह थे मौजूद
इस दौरान सेवाभावी पूज्य श्री दर्शन मुनिजी मसा, पूज्या महासती श्री चेतना जी श्री लाभोदया जी, श्री चंदनबालाजी श्री रमणीक कुँवर जी, श्री कल्पना जी, श्री चंदना श्री जी उपस्थित रहे। संचालन सुनील गांधी ने किया। अंत में श्री सौभाग्य अणु प्रकाश दीक्षा महोत्सव समिति ने प्रभावना का वितरण किया। धर्मसभा में सूरत, नासिक, इंदौर और खाचरौद आदि कई स्थानों से श्रीसंघ सदस्य उपस्थित रहे। बाहर से आए अतिथियों के आतिथ्य सत्कार का लाभ चांदनी चैक में श्री सौभाग्य अणु प्रकाश दीक्षा महोत्सव समिति द्वारा लिया गया।
फिर से प्राथमिक चिकित्सा केंद्र होगा शुरू
धर्मसभा में श्री संघ के रखब चत्तर ने बताया कि 24 मार्च से नोलाईपुंरा स्थित श्री धर्मदास जैन मित्र मंडल स्थानक में श्री सौभाग्य जैन प्राथमिक चिकित्सा केंद्र फिर आरंभ किया जाएगा। दो वर्ष तक कोरोनाकाल में यह बंद रहा, लेकिन अब जनसेवा के इस प्रकल्प को फिर शुरू किया जा रहा है। इसमें डाॅ. डाली मेहरा और डाॅ. अमन जैन अपनी सेवाएं देंगे।