अनुकरणीय सम्मान समारोह : रतलाम आनंद क्लब ने किया स्वयंसिद्धा 30 कामकाजी महिलाओं का सम्मान, सम्मानित ने कहा पहली बार देखा होटल
महिलाएं खुद को कमजोर ना समझें, कानून की ताकत हमेशा साथ : डीएसपी
ऐसा सम्मान जिसमे सम्मान देकर स्वयं सम्मानित महसूस हुई हूं मैं : डॉ. जोशी
हरमुद्दा
रतलाम, 21 मार्च। भावुक होते हुए सुनीता भाभर ने कहा कि 30 वर्षों से सेवाएं दे रही हूँ लेकिन जिंदगी में पहली बार मंच पर सम्मान मिला है। ममता राठौर ने कहा कि मैंने तो पहली बार होटल देखा। इस प्रकार मन की बात व्यक्त की स्वयंसिद्धा कामकाजी महिलाओं ने अंतरराष्ट्रीय खुशहाली दिवस पर। रतलाम आनंद क्लब द्वारा अनुकरणीय तरीके से खुशहाली दिवस मनाया गया। होटल प्रिंस पैलेस में आयोजित सम्मान समारोह में 30 घरेलू कामकाजी महिलाओं का सम्मान किया गया। ये महिलाएं लोगों के घरों में निष्ठा से अपनी सेवाएं दे रही हैं किन्तु इन्हें सम्मान के अवसर कम ही मिलते हैं। महिलाओं को साड़ी, पर्स, पैरो में लगाने की क्रीम ,चादर इत्यादि उपहार दिए गए।
यह थे अतिथि
स्वयंसिद्धा सम्मान समारोह में पद्मश्री डॉ. लीला जोशी, डीएसपी श्रेया सुराणा व सहायक कोषालय अधिकारी कीर्ति जलधारी बतौर अतिथि के रूप में मौजूद थी। सभी आनंदक अपने घर की कामकाजी महिला को एक परिवार के सदस्य की तरह ससम्मान स्वयं मंच तक साथ लेकर गई व उपहार से अतिथियों के हाथों सम्मानित कराया। अतिथियों के हाथों से सम्मान पाकर महिलाएँ भावुक हो गई।
आर्थिक विकास ही आवश्यक नहीं बल्कि खुशहाली को बढ़ाना भी अत्यंत महत्वपूर्ण
रतलाम आनंद क्लब की अध्यक्ष व मास्टर ट्रेनर सीमा अग्निहोत्री ने हरमुद्दा को बताया कि मप्र राज्य आनंद संस्थान विभिन्न आनंदमयी गतिविधियों के माध्यम से तनावमुक्ति व आनंद का प्रसार कर एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए प्रयासरत है। अंतरराष्ट्रीय खुशहाली दिवस मनाने का उद्देश्य व्यक्ति को ये आभास कराना है कि आर्थिक विकास ही आवश्यक नहीं है बल्कि खुशहाली को बढ़ाना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए कामकाजी महिलाओं के दृष्टिकोण में बदलाव लाने व तनावमुक्त जीवन जीने के तरीकों को सिखाने के उद्देश्य से स्वयंसिद्धा सम्मान समारोह आयोजित किया गया। महिलाओं को ये साबित करने की आवश्यकता नहीं है कि वो शक्तिशाली हैं। घरेलू कामकाजी महिलाएं अपने घर के साथ लोगों के घरों की व्यवस्था भी संभाले हुए हैं। नोकरीपेशा लोगों को तो अवकाश मिल जाता है किंतु इनका कोई रविवार या अवकाश नहीं होता।
हर कानूनी मदद के लिए आपकी दीदी आपके साथ
क्या वे कभी पुलिस थाने गई हैं या उन्हें अपने अधिकारों की जानकारी है। उनकी हर कानूनी मदद के लिए आपकी दीदी आपके साथ हैं। महिलाएं खुद को कमजोर ना समझे कानून की ताकत सदैव आपके साथ है।
श्रेया सुराणा, डीएसपी
कामकाजी महिलाओं के लिए लगेगा शिविर
आपको कमाने व घर के काम के साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा। रक्ताल्पता की बीमारी कब हो जाती है, पता ही नहीं चलता। इसलिये उन्होनें कहा कि शीघ्र ही एक शिविर में सभी कामकाजी महिलाओं की भी हीमोग्लोबिन की जांच कराएंगे। इस प्रकार के सम्मान की अवधारणा को विस्तारित किया जाना चाहिए। यह एक ऐसा सम्मान कार्यक्रम है जिसमे सम्मान देकर स्वयं सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
पद्मश्री डॉ. लीला जोशी
इनका रहा सहयोग
सहायक कोषालय अधिकारी कीर्ति जलधारी ने महिलाओं को आर्थिक विकास हेतु बचत योजनाओं की जानकारी दी। सम्मान समारोह के पश्चात सभी अतिथियों ने आनंदक व महिलाओं के साथ झूम कर सामुहिक नृत्य किया। कार्यक्रम के आयोजन में आनंदक प्रतिभा सिन्हा, पवन मकवाना, शैफाली व्यास, सुरेन्द्र अग्निहोत्री, ज्योति गुप्ता, अर्पिता त्रिवेदी, खुशबु शुक्ला, धर्मा कोठारी, मोहिनी तिवारी, प्रीति गोठवाल, आशा रावत, मधु परिहार, आशा पूरी, शर्मिला उपाध्याय, सुषमा अग्निहोत्री, प्रतिभा तिवारी, कमल सिंह राठौर, पुष्पेंद्र सिंह सिसोदिया, अणिमा आचार्य, मौसमी अरोरा का सहयोग रहा। प्रारंभ में रुपाली तबकड़े ने प्रार्थना गीत प्रस्तुत किया। संचालन गिरीश सारस्वत ने किया। आभार प्रदर्शन सीमा अग्निहोत्री ने माना।