वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे कोर्ट का फैसला : जमीन बंटवारे के बाद पावती बनाने के लिए मांगे थे पटवारी ने रुपए, दोषी महिला पटवारी को सुनाई 4 साल की सजा -

कोर्ट का फैसला : जमीन बंटवारे के बाद पावती बनाने के लिए मांगे थे पटवारी ने रुपए, दोषी महिला पटवारी को सुनाई 4 साल की सजा

🔲 8 साल पुराना है मामला

🔲 पटवारी को भेजा जेल

हरमुद्दा
रतलाम, 30 मार्च। 30 बीघा जमीन का भाइयों में बंटवारे के बाद नामांतरण भी हो गया था। अब बारी थी पावती बनवाने की। जब वह क्षेत्र की पटवारी के पास पहुंचे तो उन्होंने ₹30000 रिश्वत की मांग की। उसकी शिकायत लोकायुक्त उज्जैन को की गई। लोकायुक्त ने योजनाबद्ध तरीके से पटवारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया और मामला कोर्ट में भेजा गया। विशेष न्यायाधीश संतोषकुमार गुप्ता ने बुधवार दोषी पटवारी 42 वर्षीय अलका सक्सेना पत्नी रवि भटनागर निवासी डोगरे नगर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत चार वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। ₹2000 का जुर्माना भी लगाया गया। पटवारी को तत्काल जेल भेज दिया गया। प्रकरण में पैरवी एडीपीओ सीमा शर्मा ने की।

जिला मीडिया सेल प्रभारी चौपसिंह ठाकुर ने हरमुद्दा बताया जिला मीडिया सेल प्रभारी चौपसिंह ठाकुर ने बताया 22 फरवरी 2014 को फरियादी मोहनलाल पाटीदार पुत्र किशनलाल पाटीदार निवासी ग्राम हथनारा ने लोकायुक्त एसपी उज्जैन कार्यालय जाकर लिखित में शिकायत की थी कि उनके पिता के नाम 30 बीघा जमीन ग्राम हतनारा में है। भूमि का बंटवारा उसके व उसके भाइयों शंकरलाल व छोगालाल के बीच हो गया है। नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन दिया था, वहां से नामांतरण भी हो गया है।

पावती बनवाने के लिए गए थे पटवारी के पास

दोषी पटवारी अलका सक्सेना

पावती बनवाने के लिए हल्का क्रमांक 36 की पटवारी (ग्राम हतनारा) की पटवारी अलका सक्सेना बात की थी। अलका सक्सेना ने पावती बनाने के लिए तीस हजार रुपये की मांग की है। शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस के तत्कालीन निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने रिश्वत संबंधी वार्तालाप की पुष्टि के लिए मोहनलाल को शासकीय डिजिटल वाइस रिकार्डर देकर अलका से बात करके रिश्वत मांगने संबंधी बातचीत कर रिकार्डिंग करने के लिए कहा था।

फिर योजना बनाई रंगे हाथ पकड़ने की

इसके बाद मोहनलाल ने बात कर रिकार्डिंग कर ली थी। रिश्वत मांगने की बात प्रमाणित पाए जाने के बाद लोकायुक्त ने पटवारी अलका सक्सेना को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ने की प्लानिंग की थी। प्लानिंग के तहत 25 फरवरी 2014 को मोहनलाल ने पटवारी अलका सक्सेना के कालिका माता मंदिर के पीचे महालक्ष्मीनगर में स्थित उनके निजी कार्यालय में जाकर 30 हजार रुपए अलका सक्सेना को देकर आसपास छिपे लोकायुक्त दल को इशारा किया था। इशारा पाते ही दल ने वहां पहुंचकर अलका को हिरासत लिया था।

और दराज में रख ली है रुपए

पटवारी सक्सेना ने मोहनलाल से रुपए लेकर अपनी टेबल के दराज में रख लिए थे। दल के सदस्यों ने दराज में से रिश्वत के रूप में लिए गए तीस हजार रुपए जब्त किए थे। मौके पर ही दल के सदस्यों ने पटवारी सक्सेना को हाथ सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल से धुलवाए थे, जिससे हाथ गुलाबी हो गए थे।

दोषी पाते हुए सुनाई सजा

लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी सक्सेना के खिलाफ 20 जनवरी 2017 को विशेष न्यायालय में चालान पेश किया था। तर्क एवं साक्षी के बाद बुधवार को न्यायाधीश ने पटवारी को दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाई।

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