मुद्दा मस्जिदों से चिलम हटाने का : जनहित वाद के बाद अब मुस्लिम पक्ष की प्रकरण में पक्षकार बनने की मंशा, कोर्ट करेगा निर्णय
⚫ अब 13 मई को होगी सुनवाई
हरमुद्दा
रतलाम, 28 अप्रैल। मस्जिदों में लाउड स्पीकर से होने वाली अजान को रोकने के लिए न्यायालय में दायर किए गए जनहित वाद में अब मुस्लिम पक्ष की भी एन्ट्री हो गई है। एक मुस्लिम व्यक्ति ने इस प्रकरण में खुद को पक्षकार बनाने की मांग की है। जबकि जिला प्रशासन की ओर से उपस्थित हुए शासकीय अधिवक्ता ने प्रशासन की ओर से उत्तर देने के लिए न्यायालय से समय मांगा। प्रकरण की अगली सुनवाई 13 मई को होगी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बावजूद तमाम मस्जिदों पर सुबह छ: बजे के पहले लाउड स्पीकर द्वारा तेज आवाज में अजान दी जाती है। इन लाउड स्पीकर को हटाने के लिए एडवोकेट तुषार कोठारी ने अपने चार पक्षकारों एडवोकेट दशरथ पाटीदार, एडवोकेट सतीश त्रिपाठी, हिन्दू जागरण मंच के अध्यक्ष राजेश कटारिया और किशोर सिलावट की ओर से न्यायालय में जिला प्रशासन के विरुद्ध एक जनहित वाद दायर किया था।
नोटिस जारी कर कलेक्टर से मांगा था जवाब
जिला न्यायालय की तृतीय व्यवहार न्यायाधीश सुश्री ज्योति राठौड ने इस जनहित वाद को सुनवाई योग्य मानते हुए जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर उनसे इस सम्बन्ध में जवाब मांगा था। प्रकरण में जहां 28 अप्रैल को जिला प्रशासन को अपना जबाव देना था, वहीं इस प्रकरण में गुरुवार को मुस्लिम पक्ष की भी एन्ट्री हो गई। जयभारत नगर निवासी एजाज मोहम्मद पिता रमीज मोहम्मद 33 ने अपने अभिभाषकों के माध्यम से एक आवेदन पत्र प्रस्तुत कर स्वयं को इस प्रकरण का पक्षकार बनाए जाने का निवेदन किया है।
तीसरे नंबर पर बनाए जाए प्रतिवादी
एजाज मोहम्मद ने अपने आवेदन में न्यायालय से कहा कि वह मुस्लिम समाज का व्यक्ति है और उक्त प्रकरण मस्जिदों के लाउड स्पीकर हटाने के सम्बन्ध में है। इस प्रकरण में न्यायालय द्वारा यदि वादी के पक्ष में कोई निर्णय दिया जाता है तो मुस्लिम व्यक्ति होने से उसके भी हित विपरित रुप से प्रभावित होंगे। एजाज मोहम्मद ने न्यायालय से निवेदन किया है कि उसे इस प्रकरण में तृतीय नम्बर पर प्रतिवादी के रुप में जोडा जाए,जिससे कि वह वाद के विरोध में अपने तर्क प्रस्तुत कर सके।
फिलहाल न्यायालय ने नहीं दिया कोई निर्णय
एजाज मोहम्मद के इस आवेदन पर फिलहाल न्यायालय ने अपना निर्णय नहीं दिया है। प्रकरण में वादी पक्ष की ओर से एजाज मोहम्मद के इस आवेदन पर कोई आपत्ति प्रस्तुत नहीं की गई। वादी पक्ष की ओर से न्यायालय के समक्ष कहा गया कि यदि न्यायालय उक्त व्यक्ति को पक्षकार के रुप में संयोजित करता है तो वादी को इसमें कोई आपत्ति नहीं है।
तीसरे पक्ष को समायोजित किया जाए या नहीं इसका निर्णय 13 को
तृतीय व्यवहार न्यायाधीश सुश्री ज्योति राठौड ने उक्त आवेदन का निराकरण करने और प्रतिवादी पक्ष जिला प्रशासन के जवाब के लिए आगामी 13 मई की तिथि निर्धारित की है। 13 मई को जहां प्रकरण में जिला प्रशासन अपनी ओर से जवाब प्रस्तुत करेगा, वहीं न्यायालय इस बात पर निर्णय लेगा कि तीसरे पक्ष को इस प्रकरण में संयोजित किया जाएगा अथवा नहीं।