हक के लिए भरी हुंकार : एकता के  साथ जागरूकता दिखाते हुए सड़कों पर निकला जनजाति समाज, संसद तक पहुंचाएंगे आवाज

⚫ जनजातीय समाज को छोड़कर अन्य समाज में जाने वालों को डीलिस्टिंग करने की आवाज की बुलंद

⚫ पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाते हुए तेज धूप में भी किया लोक नृत्य

⚫ जिले भर के हुए हजारो लोग शामिल

हरमुद्दा
रतलाम, 2 मई। हाथों में झंडा, मन में उत्साह और चाल में जोश, लोक संस्कृति के वाद्य यंत्रों को बजाते व नाचते हुए आदिवासी एकता के साथ रतलाम की सड़कों पर निकले और डीलिस्टिंग करने के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया। रतलाम की सड़कों पर गूंजी आवाज संसद तक पहुंचाएंगे। आंदोलन से जुड़े हुए पदाधिकारी और अंचल के आदिवासी नेता बड़ी संख्या में शामिल हुए। शहर के प्रमुख मार्गों पर महारैली के स्वागत के लिए समाज जनों एवं शहरवासियों ने विशेष इंतजाम किए थे। जगह-जगह पानी, शीतल पेय का इंतजाम किया गया था। आदिवासी वेशभूषा में सुमधुर संगीत के साथ इस महारैली में शामिल हुए। इसके माध्यम से डीलिस्टिंग विषय को बहुत बड़ी ताकत से रखा गया। साथ ही इस विषय पर समाज कितना गंभीर है, वह भी दर्शाया गया।

नाचते गाते चलते हुए जनजाति समाज के लोग

उन लोगों के खिलाफ था आंदोलन जो ले रहे जनजाति सुविधा का लाभ

यह आंदोलन उन लोगों के खिलाफ है जो हमारी आस्था, परंपरा, रीति रिवाज, संस्कृति का त्याग कर चुके है। ऐसे लोगों ने हमारे आरक्षण का, हमारी सुविधाओं का लाभ उठाया है। आरक्षण का लाभ अब इन लोगों को नहीं लेने देगें। 10% धर्मांतरित व्यक्तियों ने  80% आरक्षण व सुविधाओं का लाभ उठाया है। जो वास्तव में जनजाति समाज का हक  था। ये 74 वर्षों से चल रहा है। अब नहीं चलेगा।

⚫ इस मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में मंच पर जनजाति सुरक्षा मंच के  राष्ट्रीय सदस्य मेघा उमराव विशेष रूप से मौजूद थे।

⚫ मंच पर जनजाति सुरक्षा मंच के मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ   संयोजक कालू सिंह मुजाल्दा, प्रांत निधि प्रमुख  डॉक्टर रूपचंद मईडा तथा क्षेत्रीय अधिकारी पप्रवीण ढोलके मौजूद थे।

अनुसूचित जनजाति के लोगों की रक्षा का समय

⚫ इस मौके पर वक्ता ने कहा कि आज का समय अनुसूचित जनजाति के लोगों की रक्षा का समय है। सुरक्षा मंच का उद्देश्य है, वह पूरा करने के लिए हमें एकजुट होना पड़ेगा।  डॉक्टर रूपचंद मईडा,कैलाश वसुनिया जिला संयोजक सहित  सन्नी टोप्पो,भी अपने विचार रखे।

किया अतिथियों का स्वागत

अतिथियों का स्वागत श्री दिनेश मईडा, राजेंद्र चौहान, कैलाश देवड़ा,नगर संयोजक सुमित निनामा, दीपक निनामा,रमेश मईडा   संयोजक सैलाना तहसील ,आयोजक एवं संचालन मांगीलाल खराड़ी ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान बिरसा मुंडा ,मामा टंट्या भील , कार्तिक उरांव के चित्र पर दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण के साथ किया गया।

नगर के प्रमुख मार्गो से निकली महारैली

नगर के प्रमुख मार्गों से महारैली निकली। जगह-जगह इसका स्वागत किया गया। पूरे शहर में भ्रमण के बाद यह रैली पुनः कॉलेज मैदान पहुंची। यहां इसका समापन हुआ । इस महारैली के माध्यम से धर्मांतरण पर रोक लगाने के साथ-साथ जिनका धर्मांतरण हो चुका है और अपनी मूल संस्कृति को छोड़कर अनुसूचित जनजाति समुदाय के आरक्षण सहित अन्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं, उनके खिलाफ डीलिस्टिंग का यह आंदोलन जिले में हुआ है। आभार  मंच के जिला सहसंयोजक कैलाश देवड़ा ने किया।

⚫ जिले भर से 150 से अधिक बसों तथा सेकड़ों वाहनों से लोग पहुंचे।

⚫ हजारों स्थानों से आदिवासी अंचल के भाइयों ,बहिनो ने लिया आयोजन में भाग।

⚫ 10 नृत्य दल शामिल हुए।

रेली के स्वागत के लिए मौजूद पूर्व मंत्री विधायक एवं पदाधिकारी

⚫ सांसद  विधायक से पूर्व मंत्री और प्रमुख सभी कार्यकर्ताओं ने सहभागिता की।

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