परिवार के तनाव में मौत को अपनाया : हेड कांस्टेबल झूला फांसी के फंदे पर, 2007 में आया था पुलिस सेवा में

⚫ पत्नी भी है शासकीय की सेवा में

⚫ हेड कांस्टेबल की है दो बेटे

हरमुद्दा
इंदौर, 2 मई। 2007 में पुलिस सेवा में आने के बाद कुछ दिन पहले ही हेड कांस्टेबल के पद पर प्रमोशन हुआ। रविवार को ड्यूटी करने के पश्चात रात को घर आया। बीवी बच्चों से बातें की। खाना खाया। कमरे में सोने चला गया। सुबह जब बीवी ने दरवाजा खटखटाया तो नहीं खुला। पड़ोसियों को बुलाया, दरवाजा तोड़ा तो पता चला कि फंदे पर झूल रहा है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अस्पताल पहुंचाया।

मोहन सोलंकी

यह घटना है पुलिस लाइंस की। सरकारी आवास में निवास करने वाले हेड कांस्टेबल 35 वर्षीय मोहन पिता छगनलाल सोलंकी सोमवार सुबह फांसी के फंदे पर नजर आए। थाना राजेंद्र नगर पुलिस के अनुसार मोहन द्वारकापुरी थाने में पदस्थ था, इसके पहले वह राजेंद्र नगर थाने में ही पदस्थ था। मोहन के दो बेटे हैं। पत्नी जया सोलंकी न्यायालय में क्लर्क के पद पर कार्य करती है।

पारिवारिक बातों से था तनाव में

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मूलत: खरगोन के रहने वाले मोहन के पिता पीएचई ऑफिस में पदस्थ थे। वही छोटा भाई ठेकेदारी करता है। मोहन की तीन बहने हैं। पारिवारिक बातों को लेकर वह तनाव में रहता था। थाने में भी गुमसुम रहता था। पुलिस ने मोहन का मोबाइल जब्त किया है ताकि कुछ राज पता चल सके कि आखिर मोहन फांसी के फंदे पर क्यों लटक गया?

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