सदमे में लगाई मौत की छलांग : पति की मौत की जानकारी डॉक्टर ने दी तो पत्नी को लगा सदमा, कुछ देर बाद डॉक्टर को बोली मैं जा रही हूं, मेरा दुनिया में अब कोई नहीं…

⚫ दोनों भाइयों को दी पति के मौत की खबर

⚫ ब्रिज से लगा दी मौत की छलांग

⚫ दोनों का एक साथ हुआ अंतिम संस्कार

⚫ बेटे की डॉक्टर मां हॉस्पिटल में ही बिलखती रही

हरमुद्दा
भोपाल, 3 मई। 4 साल पहले ही पति पत्नी दांपत्य सूत्र में बंधे थे। पति जहां डॉक्टर था, वही पति असिस्टेंट प्रोफेसर थी। सास के साथ तीनों एक साथ रहते थे। ब्रेन हेमरेज के उपचार के बाद आधी रात को जैसे ही डॉक्टर ने कहा कि आपके पति इस दुनिया में नहीं रहे, तो पत्नी को गहरा सदमा लगा। दोनों भाइयों को पति के मौत की खबर दी। कुछ देर बाद डॉक्टर को बोली में भदभदा जा रही हूं। अब मेरे जीने का कोई मतलब नहीं। मेरा इस दुनिया में अब कोई नहीं है। वहां जाकर मौत की छलांग लगा दी।

दंपत्ति रहते थे जानकीनगर चुना भट्टी के पास। 47 वर्षीय डॉ. पराग पाठक का विवाह 44 वर्षीय असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीति झारिया के साथ 4 साल पहले ही हुआ था। डॉ. पाठक भाभा मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर थे। 28 अप्रैल को डॉ. पाठक की तबीयत खराब हुई। उपचार के लिए अरेरा कॉलोनी स्थित नेशनल हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, जहां पर ब्रेन हेमरेज की बात कही। ऑपरेशन करवाया गया लेकिन सोमवार मंगलवार की रात 2 बजे डॉक्टर का निधन हो गया। यह बात डॉक्टर ने पत्नी श्रीमती  झारिया को बताई। कुछ देर तो वह स्तब्ध रही। डॉ. पाठक की डॉक्टर मां को भी जानकारी दी।

भदभदा ब्रिज
प्रीति ने यहां लगा दी मौत की छलांग

भाइयों को दी पति की मौत की खबर

श्रीमती झारिया ने अपने दोनों भाई राजेंद्र और राजेश को कहा कि अब वह नहीं रहे। दोनों भाई घर से निकले उसके पहले ही बहन डॉक्टर को बोल कर गई कि मेरा अब इस दुनिया में कोई नहीं। मैं भदभदा ब्रिज जा रही हूं और कार लेकर निकल गई। भाई जब अस्पताल आए तो, उन्हें खबर मिली वैसे ही वह भदभदा ब्रिज की ओर भागे, लेकिन तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। पुलिस आई और शव को निकाला गया। मंगलवार को दोनों का अंतिम संस्कार एक साथ किया गया।

मां भी है चिकित्सक

मां डॉ. शोभा पाठक बहू प्रीति झारिया और बेटा डॉक्टर पराग पाठक

डॉ. पराग पाठक की मां शोभा पाठक भी स्त्री रोग विशेषज्ञ है। वह बेटे बहु के साथ ही रहती थी। जब बेटे की मौत की खबर सुनी तो मां बिलख रही थी वही बहू प्रीति इतनी तनाव में आ गई कि उसने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी।

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