श्री कृष्ण जन्मस्थान : श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाकर पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की है मांग, अदालत में सुनवाई पूरी, सुनाएंगे आज फैसला

⚫ वाद आगे चलने लायक है या नहीं, होगा तय

⚫ रंजना अग्निहोत्री ने सितंबर, 2020 में सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में किया था वाद दायर

हरमुद्दा
मथुरा, 19 मई। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में लखनऊ निवासी अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री की ओर से दायर अपील पर जिला जज राजीव भारती गुरुवार को अपना फैसला सुनाएंगे। पूर्व में सभी पक्षों की अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी है। अदालत अब इस बिदु पर अपना फैसला सुनाएगी कि ये वाद आगे चलने लायक है या नहीं। रंजना अग्निहोत्री ने सितंबर, 2020 में सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर कर श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाकर पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की थी।

ये वाद 30 सितंबर को खारिज कर दिया गया। इसकी अपील वादी ने जिला जज की अदालत में की। इस मामले में वादी पक्ष के साथ ही प्रतिवादी शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सुनने के बाद अदालत ने बीते पांच मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वादी के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि अदालत गुरुवार को इस पर फैसला सुनाएगी कि ये वाद आगे चलने लायक हैं या नहीं।

ईदगाह में लड्डू गोपाल के अभिषेक को अदालत से मांगी अनुमति

इस बीच, श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में याची दिनेश शर्मा ने बुधवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन ज्योति की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल कर शाही मस्जिद ईदगाह (प्राचीन मंदिर) में लड्डू गोपाल का अभिषेक करने की अनुमति मांगी है। अदालत ने सुनवाई के लिए एक जुलाई की तारीख तय की है। अखिल भारत हिदू महासभा के कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने पूर्व में अदालत में वाद दायर कर श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाकर पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की है। उन्होंने कमिश्नर नियुक्त कर विवादित स्थल का सर्वे और वीडियोग्राफी कराने का भी प्रार्थना पत्र दिया है। बुधवार को उन्होंने अदालत में एक और प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। इसमें उन्होंने शाही मस्जिद ईदगाह को ही भगवान श्रीकृष्ण का प्राचीन मंदिर बताते हुए उसमें लड्डू गोपाल ले जाकर उनका अभिषेक करने की अनुमति मांगी है। दिनेश ने बताया कि एक जुलाई को इस पर सुनवाई होगी।

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