धर्म संस्कृति : भागवत कथा में गूंजी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की बधाईयाँ 

⚫ भगवान का जन्म और कर्म दिव्य

हरमुद्दा
रतलाम, 22 मई। अखंड ज्ञान आश्रम में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ में भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव की बधाईयाँ गूंज उठी। महामंडलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा भगवान का जन्म और कर्म दिव्य है। वे हमारे आराध्य और आदर्श है। यह  परम सौभाग्य कि इस घोर कलियुग में लोग स्वत:स्फूर्त होकर धर्म और भक्तिरस से अपने जीवन को सवार रहे है। ये दौर बदलाव का है जिसमे लोगो ये समझ में आ रहा है कि जीवन में सुख, सुकून और संतोष तो धर्मसंयुक्त आचरण में ही है। इस सत्य को समझाने का कार्य कथा और सत्संग से बढ़ा ही सरल, सहज और सुलभ हो रहा है। 

ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी श्री ज्ञानानन्द जी महाराज के 31 वे पुण्य स्मृति महोत्सव की अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी श्री स्वरूपानन्द जी महाराज ने की। चौथे सत्र के आरंभ में यजमान मुख्य यजमान श्रीमती मैनाबाई बंशीलाल अग्रवाल ने पोथी पूजन अर्चन एवं स्वामीजी का स्वागत किया। आश्रम सहसंचालक स्वामी श्री देवस्वरूपानन्द जी महाराज ने स्वागत वंदन किया। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर आज आश्रम में  उत्सव, उत्साह और उमंग के वातावरण में भक्तों ने नंद के आनंद भयो जय कन्हेया लाल की  पर झूमते-नाचते प्रभु के प्राकट्य का उत्सव मनाया।

श्री कृष्ण जन्मोत्सव की झलकियां

धर्म धैर्य की पाठशाला

स्वामी जी ने कहा कि हमारा धर्म हमें विपत्ति में धैर्य धारण करने की शिक्षा देता है। ऊंचाई पर चढने के लिए परिश्रम करना पड़ता है। धर्म के पथ पर चलने वाले को धैर्य और विश्वास दोनों ही रखना पड़ते है। अपना लक्ष्य, कर्म, उद्देश्य और पुरुषार्थ सदैव धर्म के अनुकूल होना चाहिए इससे सफलता मिलती है। ध्रुव और प्रहलाद ने धर्म के मार्ग पर चलते हुए कष्ट सहन किया लेकिन आज वे हमारे आदर्श है।

मौनी नहीं मुखर बने

उन्होंने कहा कि धर्म की हानि होने पर भगवान अवतार लेते है लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में हमें भी अपना मौन तोड़कर मुखर होना पड़ेगा। जहा भी अन्याय, अत्याचार और अनीति होती है, वंहा यह कहने की जगह – हमें क्या करना है? की प्रवति को त्याग होगा। हमारी चुप्पी ने ही अधर्म, अन्याय और अत्याचार का ग्राफ बढ़ाया है। समाज को जागरूक करने का कार्य कथाए करती है।

स्वागत वंदन

श्री नित्य चिंताहरण गणपति जी मन्दिर समिति पैलेस रोड, बरबड हनुमान मन्दिर समिति, श्री जांगिड ब्राह्मण समाज विश्वकर्मा धाम, श्री पंचेश्वर पंचमुखी हनुमान मंदिर समिति, कॉलेज ग्राउंड सोशल ग्रुप, राठोर तेली समाज प्रतिनिधिमंडल, दिनेश सोलंकी, प्रहलाद पटेल, बालमुकुन्द राठोर, छोटू रघुवंशी, संजय दवे आदि ने स्वामीजी का स्वागत किया। संचालन कैलाश व्यास ने किया।

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