मामला रेलवे चिकित्सालय का : डॉक्टर ने की हैवानियत की हदें पार, दहेज के लिए करता रहा लगातार अत्याचार, गला दबा कर की जान लेने की कोशिश

⚫ प्रताड़ित पत्नी ने की शिकायत

⚫ सास ससुर देवर देवरानी को भी बनाया आरोपी

⚫ रतलाम, इंदौर, अहमदाबाद में की खूब मार पिटाई, गला तक घोटने का हुआ प्रयास

⚫ पुलिस ने विभिन्न धारा में किया प्रकरण दर्ज

हरमुद्दा
रतलाम/कोटा, 25 मई। रतलाम के रेलवे चिकित्सालय में पदस्थ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के खिलाफ जान से मारने की कोशिश सहित दहेज के लिए प्रताड़ित करने का प्रकरण पत्नी ने कोटा के महिला थाने में दर्ज करवाया है प्रकरण में पत्नी ने न केवल डॉक्टर पति बल्कि सास ससुर और देवर देवरानी को भी आरोपी बनाया है। शिकायत में डॉक्टर की पत्नी ने न केवल अपने ऊपर अत्याचार करने की बात कही अपितु नाबालिग बेटी को भी प्रताड़ित करने की जानकारी दी है।

दहेज के लिए प्रताड़ित और मानसिक शारीरिक रूप से चोट पहुंचाने वाला आरोपी डॉक्टर महेंद्र टटवाड़े हैं। उल्लेखनीय है कि डॉक्टर टटावड़े रतलाम रेलवे चिकित्सालय में नेत्र रोग विशेषज्ञ के पद पर पदस्थ हैं। मूल रूप से इंदौर निवासी डॉक्टर परिवार है। पत्नी श्रीमती टटवाड़े ने कोटा स्थित महिला थाने में पति महेंद्र, ससुर डॉ. रामप्रसाद, डॉ. सास रमा, देवर डॉक्टर योगेश एवं देवरानी डॉक्टर वंदिता टटवाड़े के नाम पर रिपोर्ट दर्ज करवाई है। पुलिस ने विभिन्न धारा में प्रकरण दर्ज किया है।

डॉ महेंद्र टटवाड़े

पत्नी ने की यह शिकायत

शिकायत में पत्नी ने बताया कि उनका विवाह नवंबर 2003 में हुआ था। दो तीन साल तो सब कुछ बढ़िया रहा, लेकिन बाद में दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। जबकि पिताजी ने विवाह के दौरान मारुति 800, 3 किलो चांदी 250 ग्राम सोने के जेवर, डबल बेड, फ्रीज, टीवी, वाशिंग मशीन, सोफा सहित अन्य सामग्री दी गई थी। साथ ही एक लाख 11 हजार भी दिए थे। करीब 20 लाख रुपए विवाह पर खर्च हुए थे।

रुपए नहीं देने पर किया शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित

पति की मांग पर वर्ष 2006 में जब अहमदाबाद में थे, तब ₹100000 नगद पिताजी ने आकर दिए थे। इसके पश्चात जब पिताजी रिटायर हो गए तब ₹500000 की मांग की गई। रुपए नहीं देने पर दुर्व्यवहार करने लगे। मारपीट की। शारीरिक यातनाएं दी। इसके पश्चात 2011 में मकान बनाने के लिए ₹300000 की डिमांड की जो कि पिताजी ने जून 11 में रतलाम पोस्टिंग के दौरान पूरी की। इसके बावजूद उनकी मांग पूरी नहीं हुई और लगातार पैसे मांगने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान करने लगे

पहली संतान पर भी करवाया खूब खर्चा

2014 में जब पहली संतान हुई पिताजी ने ससुराल वालों को ढाई लाख रुपए के सोने की कंठी, नगद, चांदी की कटोरी, चम्मच, गिलास, पायजेब, कपड़े, साड़ियां, सूट आदि दिए। इसके कुछ महीने तक व्यवहार ठीक रहा लेकिन 2015-16 में पति महेंद्र ने नर्स से संबंध बना लिए और प्रताड़ित करने लगा। 2017 में फिर फिर ₹500000 की मांग की और कहा कि नहीं लाई तो जान से मार देंगे, घर से निकाल देंगे। इस पर पिता ने 1 अगस्त 17 को 5 लाख का चेक डॉ महेंद्र के नाम भेजा, जिस पर डॉ. महेंद्र भड़क गया और चेक फाड़ दिया। वह कहने लगा कि चेक के माध्यम से पेमेंट देकर मुझे फंसाना चाहते हो। जब जानकारी जब पिता को दी तो उन्होंने नगद राशि दी।

रुपए और जेवर दिए दिए नर्स को डॉक्टर ने

रुपए और जेवर डॉ महेंद्र ने उस नर्सों को दे दिया जिससे संबंध है। इसका विरोध किया तो जान से मारने की कोशिश की। बड़ी मुश्किल से जान बचाकर पड़ोस के घर में गई और पड़ोसियों ने समझा-बुझाकर घर में रखावाया। इसके साथ ही जब इंदौर में देवर के घर का उद्घाटन था, उस दौरान ससुर, सास, देवर, देवरानी ने मेरे साथ मारपीट की और गला दबाने लगे। बड़ी मुश्किल से जान बचाकर दूसरे कमरे में अपने आप को बंद किया।

रतलाम में थी तब की जान से मारने की कोशिश, पड़ोसी डॉक्टर के घर बचाई जान

ससुराल वालों को लगा कि बहु मर जाएगी तो मुझे कमरे से बाहर निकाला। ससुराल के सभी लोग दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे और मारपीट भी की। पति मेरे साथ इस प्रकार की मारपीट करता था कि मेडिकल जांच में चोट दिखाई भी ना दें। 2021 में जब मैं रतलाम में थी, तब भी जान से मारने का प्रयास किया। जोर-जोर से जब मैं रोने लगी, तब पड़ोसियों ने आकर मुझे बचाया। पड़ोसी डॉ. सुधाकर शर्मा के घर बैठी रही। तत्पश्चात रात को ट्रेन से पिता के घर कोटा रवाना हो गई। पिता के वहां जाकर फिर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। कोटा महिला थाना पुलिस ने महिला की शिकायत पर धारा 498ए, 406, 323 आईपीसी में प्रकरण पंजीबद्ध किया।

जिम्मेदारों ने नहीं की कोई कार्रवाई

प्रकरण दर्ज हुए 21 दिन हो गए लेकिन रतलाम रेलवे अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियों ने अब तक डॉ. महेंद्र के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है। अस्पताल में उनके नाम की पट्टी अभी भी लगी हुई है। अस्पताल में मरीज आते तो उनको कहा जाता है कि डॉक्टर साहब छुट्टी पर हैं। कुछ दिन बाद आएंगे।

ऑफिशियल जानकारी नहीं

डॉक्टर के खिलाफ हुई एफ आई आर पर अभी ऑफिशल जानकारी हमें नहीं मिली है। वैसे अभी वह छुट्टी पर चल रहे हैं। उनकी माताजी की तबीयत ठीक नहीं है। एफ आई आर की जानकारी हमारे वरिष्ठ को मुंबई भेज दी गई है। जैसे ही जानकारी मिलती है, कार्रवाई की जाएगी। वर्तमान में डॉक्टर सोनी यादव नेत्र रोग विशेषज्ञ के तौर पर सेवाएं दे रही है।

डॉ. अनामिका अवस्थी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, रेलवे अस्पताल रतलाम

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