राष्ट्रपति उज्जैन में : सुखी जीवन का परम ध्‍येय बेतहर स्‍वास्‍थ्‍य, इसे रखना चाहिए सर्वोपरि, उज्जैन की गलियों से वाकिफ हूं मैं

⚫ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा

अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वें अधिवेशन का हुआ उद्घाटन

हरमुद्दा
उज्जैन, 29 मई। आज गुणवत्‍ता, शोध और अनुसंधान का समय है। हमारे सामने अनेक चुनौतियां हैं उम्‍मीद है सब मिलकर इसे स्‍वीकारेंगे और प्र‍गति करेंगे। आहार, दिनचर्या और रितुचर्या के बारे में आयुर्वेद में ही बताया जाता है। इस क्षेत्र के लोगों से अपेक्षा है कि जन सामान्‍य में आयुर्वेद के प्रति जागरुकता बढ़ाई जाए। ऐसे लोग तैयार करें तो उपचार में योगदान दे सकें। लोगों को उपचार के लिए अनुसंधान निरंतर जारी रहे। सुखी जीवन का परम ध्‍येय बेतहर स्‍वास्‍थ्‍य है इसे सर्वोपरि रखना चाहिए।भारतीय संस्‍कृति की अमूल्‍य धरोहर इस संस्‍था को लोकप्रिय बनाने में अनेक विभूतियों ने अपना योगदान दिया है। सभी लोगों को मध्‍य प्रदेश को आयुर्वेद का स्‍थाप‍ित केन्‍द्र बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए।

यह विचार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने व्यक्त किए। राष्ट्रपति ने कालिदास अकादमी के पंडित सूर्यनारायण व्यास संकुल में अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वें अधिवेशन का उद्घाटन दीप प्रज्‍वलित कर किया।कार्यक्रम में पहले अतिथियों का स्‍वागत किया गया। राज्‍यपाल मंंगुभाई पटेल व सीएम शिवराज सिंह चौहान का स्‍वागत किया गया।

अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वें अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति

यह थे मौजूद

महासम्मेलन के अध्यक्ष पद्मभूषण वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा, केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, प्रदेश के आयुष मंत्री रामकिशोर नानो कांवरे, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन भी शामिल हुए हैं।

इस भूमि को मैं करता हूं बारंबार नमन

राष्‍ट्रपति ने कहा कि उज्जैन से मेरी भी इससे अनेक स्‍मृति‍यां जुड़ी हैं। कई साल पहले काफी लंबे समय मैं यहां रहा, यहां की गल‍ियों से मैं वाकि‍फ हूं। भारत गांवों का देश है और उनमें प्राचीनतम चिकित्‍सा पद्धति आज भी आयुर्वेद है। उज्‍जैन से जुड़ी विभूतियों का जिक्र करते हुए कहा कि सम्राट विक्रमादित्‍य और महाकव‍ि कालिदास की यह नगरी है। इस भूमि को मैं बार-बार नमन करता हूं। उम्‍मीद है आयुर्वेद सम्‍मेलन के परिणाम देश और दुनिया के लिए लाभदायक साबित होंगे।

अनादि काल से ज्ञान, वैराग्‍य की धरती से लोक सेवा की मिलती प्रेरणा

मैं महाकाल की पवित्र धरती पर राज्‍य की जनता की ओर से राष्‍ट्रपतिजी का स्‍वागत करता हूं। उन्‍होंने राज्‍यपाल का भी स्‍वागत किया। यहां त्रिवेणी संगम है और महामहिम पवित्र कार्य के लिए पधारे हैं। यह अनादि काल से ज्ञान, वैराग्‍य की धरती है और यहां से लोक सेवा की प्रेरणा मिलती है।

शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश शासन

कोविड के उपचार में प्राचीन पद्धति ही सिद्ध हुई कारगर

प्राचीन काल से ही रोगों के उपचार में आयुर्वेद की अहम भूमिका रही है।  कोविड के खिलाफ लड़ाई में हमारी प्राचीन उपचार पद्धतियां कारगर रही हैं। भारत में आयुर्वेद का विकास लाभकारी और आशाओं का केंद्र है। आज इसे आधुनिक चिकित्‍सा पद्धति के अनुरूप मान्‍यता की जरूरत है।

मंगुभाई पटेल, राज्यपाल, मध्यप्रदेश

चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था

अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन आयोजन के लिए कालिदास अकादमी के मुख्य द्वार पर अंदर प्रवेश के लिए पास धारियों को ही अनुमति दी गई। पूरे परिसर में पुलिस का पहरा और सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम हैं।

समारोह में आयुर्वेद विशेषज्ञों को किया सम्मानित

समारोह में आयुष मंत्री का संदेश भी प्रसा‍रित किया गया। अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वें महाधिवेशन में आयुर्वेद चिकित्सा क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले आयुर्वेदाचार्यों, वैद्यों, चिकित्सकों एवं अधिकारियों को सम्मानित किया। राष्‍ट्रपति ने शासकीय आयुर्वेदिक कालेज के नए भवन का  लोकार्पण भी किया।

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