सामाजिक सरोकार : नेत्रदान के प्रति लोगों में जागरूकता की आवश्यकता बेहद जरूरी
⚫ एमकेआई बैंक इंदौर का किया अवलोकन किया
⚫ नेत्रदान की आवश्यकता देखी
हरमुद्दा
रतलाम, 8 जून। संभागीय ऑर्गन डोनेशन समिति सदस्य गोविंद काकानी ने अपने अल्प प्रवास के दौरान इंदौर एमके इंटरनेशनल आई बैंक का अवलोकन किया। अवलोकन के दौरान लगातार डॉक्टरों के फोन नेत्र के कॉर्निया के लिए आते रहे। उससे इस बात का पक्का भरोसा हो गया कि आज भी नेत्रदान के प्रति लोगों में जागरूकता की आवश्यकता अत्यधिक है और उसी के कारण कॉर्निया की कमी महसूस हुई।
एमके इंटरनेशनल आई बैंक के ट्रस्टी विमलेश झंवर, उमा झंवर, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ राजेश गुप्ता, टेक्निकल कंसलटेंट गोपाल सरोके काउंसलर द्वारा एमके इंटरनेशनल बैंक का अवलोकन करवाते हुए बताया कि अच्छे नेत्र दान जिससे अच्छी नेत्र ज्योति वाले कार्निया लेकर पीड़ित व्यक्ति को देने की प्रक्रिया से अवगत कराया।
आवश्यक टेस्ट के बाद ही पहुंचाया जाता है कार्निया
नेत्रदान से मिले कार्निया को 18 दिन तक 2 से 8 डिग्री टेंपरेचर में स्पेशल फ्रीजर में रखा जाता है। देने के पहले आवश्यक टेस्ट जैसे पीलिया, एचआईवी आदि की जांच करने के बाद ही कॉर्निया देश के दूर-दूर तक के विभिन्न शहर में आवश्यकता अनुसार पहुंचाए जाते हैं।
नेत्रदान की सूचना के बाद इन नियमों का पालन जरूरी
गीता भवन ट्रस्ट बड़नगर के नेत्रदान एवं देहदान प्रभारी डॉ. जी एल ददरवाल ने बताया कि इसी के साथ नेत्रदान में आम नागरिकों को जो जो सावधानियां रखना चाहिए जैसे मृत्यु के 3 घंटे के अंदर सूचना कर आई बैंक वालों को नेत्रदान करने की जानकारी देना। मृत व्यक्ति के सिर के नीचे तकिया लगाना, आंखों की दोनों पलकों को तत्काल बंद कर देना, ऊपर छत का पंखा नहीं लगाना। 6 घंटे के अंदर नेत्रदान हो जाना चाहिए परंतु यदि शव पेटी (डी फ्रीजर) में रख देते हैं तो 12 घंटे के अंदर तक नेत्र दान किए जा सकते हैं। नेत्रदान करने के लिए संबंधित परिवार से मृतक के तीन फोटो, आधार कार्ड की फोटो कॉपी एवं परिवार के सदस्यों की जानकारी फार्म भरने के दौरान ली जाती है।
आमजन से आह्वान
संभागीय ऑर्गन डोनेशन समिति सदस्य समाजसेवी श्री काकानी ने आम नागरिकों से आह्वान किया है कि नेत्रदान करने में मात्र आधा घंटा लगता है, जिससे दो पीड़ित परिवार के सदस्य को आंखों की रोशनी दी जाती है। इस पुनीत कार्य में सहयोग देकर जीते जी रक्तदान और मृत्यु उपरांत नेत्रदान के महायज्ञ को जन जन तक पहुंचाने में अपना योगदान दें।