योग निद्रा से हुआ “प्रज्ञावान” प्रज्ञा योग प्राणायाम एवं ध्यान शिविर का समापन
⚫ ध्यान ही योग के प्राण : डॉ. पुरोहित
हरमुद्दा
रतलाम,12 जून। राजेन्द्र नगर स्थित सूभेदार आईएमए हाल में रविवार को प्रज्ञावान-प्रज्ञा योग प्राणायाम एवं ध्यान शिविर का समापन योग निंद्रा सत्र के साथ हुआ। डॉ. अरुण पुरोहित मित्र मंडल एवं सर्व ब्राहम्ण महासभा द्वारा आयोजित शिविर के समापन सत्र में डेन्टल सर्जन एवं योग प्रशिक्षिका डॉ. प्रज्ञा पुरोहित ने कहा कि योग जीने का तरीका है। योग में ध्यान की महत्ता सर्वोपरि है। ध्यान से ही आप अपनी वास्तविकता का आभास कर सकते हैं। स्वामी विवेकानंद द्वारा प्रदर्शित राज योग में धरना, ध्यान एवं समाधी ही योग के अंग माने गए हैं।
उन्होंने कहा कि ध्यान के उस चरम तक पहुंचना जहां हम हर क्षण ध्यानमय ही रहें, वही समाधी है।
शिविर को पंडित प्रेम उपाध्याय, पंडित अजय जोशी, पंडित छोटू उपाध्याय, पंडित नरेंद्र जोशी, सुनीता पाठक एवं प्रदीप कोठारी ने अपने विचार रखे।
तीन दिवसीय शिविर 19 से
डा. पुरोहित ने बताया कि ध्यान की महत्ता उजागर करने हेतु श्री रामकृष्ण परमहंस विवेकानंद आश्रम में, 19, 20, 21 जून को, “प्रज्ञावान” प्रज्ञा द्वारा, तीन दिवसीय ध्यान शिविर आयोजित किया जाएगा। उन्होंने सभी समाज प्रतिनिधियों से इस तरह के योग एवं ध्यान शिविर लगवाने का आह्वान किया। इनमे योगिनी डा प्रज्ञा अपनी निशुल्क सेवाएं प्रदान करेंगी। इस अवसर पर महासभा एवं समिति ने डॉ प्रज्ञा एवं डॉ. पुरोहित का अभिनंदन किया। कार्यक्रम में नगर के योग प्रशिक्षक राजीव श्रीवास्तव ,रमेश शर्मा, विशाल वर्मा एवं श्री आचार्य आदि मौजूद रहे। संचालन डॉ. मुनींद्र दुबे ने किया| आभार सूर्य नारायण उपाध्याय ने माना।