धर्म संस्कृति : लव जेहाद का बड़ा कारण शिक्षापद्धति, बच्चों को दें धार्मिक संस्कार : स्वामीजी
⚫ विश्व हिन्दू परिषद् केंद्रीय मार्गदर्शक मण्डल की हरिद्वार में बैठक
हरमुद्दा के लिए नीलेश सोनी
हरिद्वार/12 जून। शिक्षापद्धति के कारण यदि हमारी लड़कियाँ लव जेहाद का शिकार हो रहीं या धर्मांतरण हो रहा तो उन्हीं स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली मुस्लिम लड़कियाँ क्यों नहीं बहकती? अपनी भूल को दूसरे के सिर मढ़ना छोड़ो…बच्चों को बचपन से धार्मिक संस्कार दो। मार्गदर्शक मण्डल के सन्त कहीं दर्शक मण्डल बनकर न रह जाएँ।सभी सन्तों को सार्वजनिक मुखर होने की आवश्यकता है।
यह आह्वान महामंडलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानंद सरस्वती महाराज ने किया। वे हरिद्वार में आयोजित विश्व हिन्दू परिषद् केंद्रीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
प्रतिकार करने का साहस
उन्होंने कहा कि जहाँ भी विधर्मी आचरण देखो, उसका प्रतिकार करने का साहस करो। आपने बताया कि हमने मुंबई में क्रिसमस के समय आश्रम का वार्षिकोत्सव करना आरम्भ किया।परिणाम यह हुआ कि क्रिसमस पर जहाँ भीड़ रहती थी।अब वहां चार पाँच लोग रह गए और कथा में ढाई हजार की भीड़ होती है।
प्रशंसनीय घर वापसी
उन्होंने कहा कि यूरोप में अनेक चर्च मन्दिर बन रहे। मध्यप्रदेश के मंदसौर में पत्रकार एक शेख जफर चैतन्य सनातनी बने तो हाल ही में रतलाम जिले में पचास के लगभग और मुस्लिम हिन्दू रूप में वापस हुए। यह अभियान धीरे धीरे एक बार फिर व्यापक रूप लेकर बड़े शहरों से गांवों तक पहुंच गया है! समस्या अनेक-समाधान एक-हमारी सक्रियता बढ़ानी होगी।
मौन नहीं मुखर बने
उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी प्रकरण में अभी किसी आन्दोलन की आवश्यकता भले न हो पर पवित्र शिवलिंग को फव्वारा बताने वालों और पत्थरबाजों के विरुद्ध हमारा मौन उनका साहस बढ़ाता है और हिन्दुओं को हतोत्साहित करता है।इसी तरह पालघर में संतों की नृशंस हत्या के बाद की हमारी चुप्पी हिन्दू समाज को कचोटती है। आप सभी सन्तों को सार्वजनिक मुखर होने की आवश्यकता है। मार्गदर्शक मण्डल के सन्त कहीं दर्शक मण्डल बनकर न रह जाएँ।
भगवान सूर्य रामलाल के दर्शन करेंगे
स्वामीजी ने बताया कि श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ न्यास के श्री चम्पतराय जी ने बैठक में भव्य श्रीराम मन्दिर निर्माण सम्बन्धित अब तक के कार्य का सम्पूर्ण विवरण प्रस्तुत किया। इसी के साथ उन्होंने एक अद्भुत बात बताई।
उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री जी की इच्छा है कि मन्दिर इस तरह से बनाया जाए कि श्रीराम नवमी के अवसर पर भगवान सूर्य स्वयं अपने कुल में अवतरित भगवान श्रीराम को देख सकें।अर्थात् सूर्य की किरणें श्रीराम लला का स्पर्श कर सकें।
हालांकि ये कार्य अत्यन्त कठिन है क्योंकि प्रत्येक राम नवमी पर सूर्य की स्थिति प्रायः अलग अलग होगी पर फिर भी अनेक वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने लकड़ी के मॉडल पर प्रयोग किए जो अब तक सफल रहे हैं।भगवान की कृपा और आप सबकी शुभकामनाओं से प्रधानमन्त्री जी की ये ऐतिहासिक और अलौकिक कामना अवश्य पूर्ण हो सकेगी।