स्पंदन कृति सम्मान की हुई घोषणा : डॉ. शरद सिंह के उपन्यास “शिखण्डी” को मिला 2021 का सम्मान
⚫ उपन्यासों एवं कहानी संग्रहों को अनेक मिल चुके प्रतिष्ठित पुरस्कार एवं सम्मान
⚫ विविध विषयों पर 50 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित
हरमुद्दा
सागर, 18 जून। बहुचर्चित एवं प्रतिष्ठित स्पंदन सम्मान की घोषणा की जा चुकी है। जिसमें स्पंदन कृति सम्मान वर्ष 2021 की उपन्यास श्रेणी में निर्णायकों द्वारा सागर की सुविख्यात कथाकार डॉ. शरद सिंह के उपन्यास “शिखंडी” को चुना गया है। शरद सिंह सागर नगर ही नहीं वरन देश के साहित्य जगत में अपना विशेष स्थान रखती हैं। उनके उपन्यासों एवं कहानी संग्रहों को अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार एवं सम्मान प्रदान किए जा चुके हैं।
उनके उपन्यास “कस्बाई सिमोन” को वर्ष 2012 का पं. बालकृष्ण शर्मा नवीन म.प्र. साहित्य अकादमी सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। अब उनके चौथे उपन्यास शिखंडी को राष्ट्रीय स्तर का स्पंदन कृति सम्मान मिलना गौरव का विषय है। चार उपन्यास सहित अब तक उनकी विविध विषयों पर 50 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि संस्था सचिव उर्मिला शिरीष जी के कुशल निर्देशन में वर्ष 2004 से स्पंदन सम्मान आरंभ किए गए। विगत वर्षों में साहित्य एवं कला जगत में विशेष स्थान रखने वाले विशिष्ट व्यक्तियों जैसे मृदुला गर्ग, चित्रा मुद्गल, नासिरा शर्मा, रमेशचंद्र शाह, मंजूर एहतेशाम, देवेंद्रराज अंकुर, असगर वजाहत को स्पंदन सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
पाठकों को न केवल चौंकाएगा अपितु उन्हें नए सिरे से सोचने पर भी करेगा विवश
अपने उपन्यास शिखंडी के बारे में लेखिका शरद सिंह ने हरमुद्दा को बताया कि “मेरा यह उपन्यास महाभारत के महत्वपूर्ण पात्र शिखण्डी के जीवन पर आधारित है। अपने उपन्यास में मैंने शिखण्डी के साथ जुड़े उस मिथक को तोड़ने का प्रयास किया है कि वह थर्ड जेंडर था। वस्तुतः वह मूलतः एक स्त्री थी जो परिस्थितिवश पुरुष बनने को विवश हुई किन्तु आत्मा और अंतर्मन से सदैव स्त्री ही रही। यह स्त्री संघर्ष की मार्मिक गाथा है जिसे मैंने तथ्यों का गहनता से अध्ययन करने के पश्चात उपन्यास में ढाला है। मेरा यह उपन्यास पाठकों को न केवल चौंकाएगा अपितु उन्हें नए सिरे से सोचने पर भी विवश करेगा।”
वस्तुतः शोधात्मक साहित्य को मिला सम्मान : समीक्षक
वरिष्ठ समीक्षक एवं पत्रकार राजेंद्र राव के अनुसार “डाॅ. शरद सिंह हिंदी के उन विरल कथाकारों में हैं, जो लेखन पूर्व शोध में संलग्न होते हैं। यह कृति विरल कथासागर महाभारत से एक अनोखे चरित्र के जीवन और संघर्ष को पर्त-दर-पर्त उद्घाटित करती है, एमदम नए नज़रिए और नए अंदाज़ से।” ऐसे उपन्यास को स्पंदन कृति सम्मान दिया जाना वस्तुतः शोधात्मक साहित्य को सम्मान दिया जाना है।