जिम्मेदारों की मर गई मानवीय संवेदना : 2 दिन की खुदाई के बाद कचरे के ढेर में मिली परिजन की लाश
⚫ पुलिस और नगर निगम के कर्मचारी जिम्मेदारी ढोलते रहे एक दूसरे पार
⚫ 1 महीने पहले मिली थी लावारिस लाश
⚫ पुलिस ने कहा अभी चुनाव चल रहा है बाद में आना
⚫ कपड़े और चप्पल से की परिजनों ने पहचाना, पहले दिन हुए हताश
हरमुद्दा
रतलाम, 7 जुलाई। शहर के कार्य नगर क्षेत्र में करीब 1 माह पहले खंडहर में एक व्यक्ति का शव मिला था जिसकी पहचान नहीं हो पाई थी। जिम्मेदारों ने मानवीय संवेदनाओं की हदें पार करते हुए शव को कचरे के ढेर में दफना दिया खास बात तो यह थी कि जिन्होंने दफनाया उन्हें ही नहीं पता था कि उसे कहां दफनाया है दूसरे दिन जाकर परिजनों को अपनों का शव मिल पाया। जिम्मेदारों की इस हरकत से परिजन खासे खफा है।
मिली जानकारी के अनुसार 9 जून को काटजू नगर में एक खंडहर में युवक का शव मिला था। जिसकी पहचान नहीं होने पर उसे ट्रेचिंग ग्राउंड में दफना दिया गया था। परिजन औद्योगिक थाने पहुंचे तो साजिद के कपड़े और चप्पल देखकर उन्होंने उसकी पहचान की। शिनाख्त हो जाने पर जब शव को ढूंढने के लिए ट्रैचिंग ग्राउंड में खुदाई की गई तो शव गायब हो गया।
अभी चुनाव चल रहे हैं बाद में आना
इस मामले में साजिद अली के परिजनों ने बताया कि वह जब बेटे की तलाश में थाने पहुंचे तो पुलिस ने जवाब दिया कि अभी चुनाव चल रहा है बाद में आना। बार-बार चक्कर काटने के बाद जब वह, फिर से थाने पहुंचे तो उसे कपड़े और चप्पल दिखाए गए जिसे देख मां मुमताज ने बताया कि यह उसके बेटे के है। मृतक युवक राजीव नगर डीजल शेड का रहने वाला था ।
जिम्मेदारी लेने से बचते रहे नगर निगम और पुलिस वाले
पुलिस ने जब शव निकालने की प्रक्रिया शुरू की तो सुबह से शाम हो गई लेकिन शव का कहीं पता नहीं चला। इस लापरवाही की जिम्मेदारी लेने से नगर निगम और पुलिस दोनों ही बच रहे हैं। वही गुरुवार खुदाई के दूसरे दिन दोपहर में कचरे के ढेर में से साजिद का शव मिला गया है।