वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे खतरनाक मंसूबा PFI का : ‘2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की योजना’; राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी ने मारा छापा, मिले दस्तावेज -

खतरनाक मंसूबा PFI का : ‘2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की योजना’; राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी ने मारा छापा, मिले दस्तावेज

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⚫ बिहार से दो संदिग्ध गिरफ्तार

⚫ कड़ी पूछताछ में कई हुए खुलासे

हरमुद्दा
गुरुवार, 14 जुलाई। गुरुवार को राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम ने पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में छापा मारा। पेट्रोल लाइन इलाके से एक और संदिग्‍ध को हिरासत में लिया गया। खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इनके इरादे काफी खतरनाक थे। संदिग्‍ध आतंकियों की फुलवारी शरीफ में दंगा फैलाने की प्लानिंग थी, लेकिन चौकस खुफिया एजेंसियों को पहले ही इनके मंसूबों के बारे में पता चल गया। संदिग्‍धों की साजिश को समय रहते ही डिकोड कर लिया गया।

गिरफ्तार संदिग्ध आतंकवादी

उल्लेखनीय है कि देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में पटना की पुलिस ने बुधवार को फुलवारी शरीफ से अब तक तीन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि इससे पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो के अलर्ट के बाद बुधवार को छापा मार कर आतंकी गतिविधियों में संलिप्‍त होने के आरोप में 2 संदिग्‍धों को पकड़ा गया था। इनकी पहचान मोहम्‍मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज के तौर पर की गई है।

इन पर है प्रशिक्षण देने का आरोप

गुरुवार को पकड़े गए आतंकवादी का नाम अरमान मलिक है। इनके संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से बताए गए हैं। इन पर आतंकी प्रशिक्षण देने का आरोप है. गुरुवार को भी एक गिरफ्तारी हुई है. जानकारी के अनुसार, आईबी ने अपने इनपुट में 12 सदस्यीय साउथ इंडियन टीम के फुलवारी शरीफ पहुंचने की खुफिया सूचना दी थी. इसके बाद एनआईए सतर्क हो गई थी।

पुलिस कर रही है पूछताछ

बुधवार को जिन दो आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था इनमें से एक का नाम मोहम्मद जलालुद्दीन है; जो झारखंड पुलिस का रिटायर्ड सब-इंस्पेक्टर है। इसी के मकान अहमद पैलेस से आतंकी गतिविधियां चलती थी। मामले में जिस दूसरे संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया गया है उसका अतहर परवेज है और यह फुलवारी शरीफ के गुलिस्तान मुहल्ले का रहने वाला है। मिली जानकारी के अनुसार वो प्रतिबंधि आतंकी संगठन सिमी का पूर्व सदस्य रह चुका है. बताया जा रहा है कि वह वर्तमान में पीएफआई और एसडीपीआई का सक्रिय सदस्य है। यह भी जानकारी सामने आई है कि अतहर परवेज ने ही गांधी मैदान के ब्लास्ट के आरोपियों को बेल दिलाया था। इन दोनों संदिग्ध आतंकियों से एनआईए और एटीएस की टीम ने पूछताछ की है।

छापेमारी में ‘इंडिया-2047’ डॉक्यूमेंट बरामद

फुलवारी शरीफ के एएसपी मनीष कुमार सिन्हा के अनुसार, छापेमारी में ‘इंडिया-2047’ डॉक्यूमेंट बरामद किया गया है. इन आतंकियों का ​प्लान-2047 भी डिकोड किया गया है. ये लोग 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की योजना पर काम कर रहे थे। इसी आधार पर पटना के फुलवारी शरीफ से साजिश रची जा रही थी। इसके लिए चयन कर विशेष समुदाय के लोगों को आतंक की ट्रेनिंग भी दी जा रही थी। ट्रेनिंग में कई राज्यों के मुस्लिम युवा शामिल होते थे। इसके लिए पाकिस्तान-बांग्लादेश से फंडिंग किए जाने की भी जानकारी सामने आई है। मामले में आरोपी अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन के साथ एक और शख्स को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि अतहर परवेज मुस्लिम युवाओं को दे ट्रेनिंगदेता था।

कौन है अतहर परवेज?

अतहर परवेज प्रतिबंधित संगठन सीमी का पूर्व सदस्य और गांधी मैदान ब्लास्ट के आरोपी का भाई है। अतहर परवेज ने गांधी मैदान ब्लास्ट के आरोपी को बेल दिलाया था। वह पीएफआई और एसडीपीआई का सक्रिय सदस्य है। अहतर परवेज मुस्लिम युवाओं को ट्रेनिंग देता था और देश विरोधी बैठकें करता था। बैठकों में पीएफआई और एसडीपीआई के सदस्य शामिल होते थे। वहां वहयुवाओं में सांप्रदायिकता और देश विरोध जहर भरता था।

कौन है मोहम्मद जलालुद्दीन?

मोहम्मद जलालुद्दीन झारखंड पुलिस का रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर है। मोहम्मद जलालुद्दीन के मकान में आतंक की ट्रेनिंग दी जाती थी। मार्शल आर्ट के नाम पर अस्त्र-शस्त्रों का प्रशिक्षण दिया जाता था। नया टोला में अहमद पैलेस नाम से बिल्डिंग है जहां मो. जलालुद्दीन के मकान से पंपलेट, बुकलेट, गुप्त दस्तावेज बरामद किए गए हैं.इंडिया-2047, टूवार्ड्स रूल ऑफ इस्लाम इन इंडिया बुकलेट बरामद किया गया है।

एफ आई आर दर्ज कर की जा रही कार्रवाई

इस मामले की गहराई से वरीय जांच की जा रही है। बिहार IB और पटना पुलिस के साथ एटीएस की टीम भी अपने अपने स्तर से अनुसंधान करने में जुटी है। फिलहाल इन दोनों को IPC की विभिन्न धाराओं, जिनमें देश विरोधी गतिविधि से जुड़ी धारा भी शामिल है; उसके तहत एफ आई आर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

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