आखिर चढ़ गया पुलिस के हत्थे : अजमेर दरगाह के बाहर नूपुर शर्मा का विरोध करते हुए ‘सर तन से जुदा’ का नारा लगाने वाले खादिम पुलिस की पकड़ में
⚫ आधी रात को हैदराबाद से लाए अजमेर
⚫ खादिम की बात के बाद ही हुई थी कन्हैयालाल की हत्या
⚫ खादिम को शरण देने वाला भी गिरफ्तार
⚫ दोनों की कोर्ट में पेशी होगी आज
हरमुद्दा
शुक्रवार, 15 जुलाई। खादिम सैय्यद गौहर चिश्ती सबसे पहले अजमेर दरगाह के बाहर नूपुर शर्मा का विरोध करते हुए ‘सर तन से जुदा’ का नारा लगाया था। 17 जून की इसी घटना के बाद उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या कर दी गई थी। अजमेर दरगाह के बाहर भड़काऊ भाषण देने और नारेबाजी करने वाले खादिम को हैदराबाद से गिरफ्तार करने के बाद बीती रात अजमेर लाया गया। उसे शरण देने वाले एक अन्य शख्स से भी अजमेर में पूछताछ की जा रही है। दोनों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।
अजमेर के अपर पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने बताया है कि अब खादिम को पूछताछ के लिए हैदराबाद से ट्रांजिट रिमांड पर अजमेर लाया गया है। पता चला है कि खादिम अजमेर से उदयपुर गया था और कन्हैयालाल के हत्यारों रियाज और गौस से भी मिला था।
खादिम का पाकिस्तान कनेक्शन
इस बीच खादिम का पाकिस्तान कनेक्शन भी उजागर हो गया है। वह पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन के कुछ लोगों के नियमित संपर्क में था। उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच कर रही एनआईए और अजमेर में भड़काऊ नारेबाजी की जांच कर रही राजस्थान एटीएस की जांच में उक्त मामला सामने आया है।
पाकिस्तान से बात करने वालों में तीनों के नाम
कन्हैयालाल की हत्या में जांच के दौरान पता चला कि पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन दावत-ए-इस्लामी के कुछ लोग भारत में कई लोगों के संपर्क में हैं। पाकिस्तान के 18 ऐसे मोबाइल नंबरों की पहचान की गई, जो भारत के लोगों से बात करते थे। इनमें कन्हैयालाल के हत्यारों मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद के साथ ही अजमेर दरगाह के खादिम का भी नाम सामने आया।
रियाज और गौस अपनी टीम तैयार करने में लगे थे मेवात क्षेत्र में
कन्हैयालाल हत्याकांड में एनआईए की जांच में आए दिन नए राज खुल रहे हैं। अब यह बात सामने आई है कि कन्हैयालाल के हत्यारे रियाज और गौस भी राजस्थान और हरियाणा के मेवात इलाकों में अपनी टीम तैयार करने में लगे थे। दोनों मेवात में युवाओं को दावत-ए-इस्लामी से जोड़ रहे थे। रियाज राजस्थान के भरतपुर और अलवर और साथ ही हरियाणा के नूंह की मस्जिदों में जाकर युवाओं को कट्टरता के प्रति जागरूक किया करते थे। राजस्थान के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि रियाज और गौस अपना ध्यान गरीब मुस्लिम युवकों पर लगाते थे। दोनों ने मौलवियों को कट्टरता सिखाने के लिए प्रेरित किया।