धर्म संस्कृति : सृजनशील होना गुरु तत्व की जागृति का प्रमाण : प पू माताजी श्री निर्मला देवीजी

⚫ राष्ट्रीय श्री आदिगुरु महोत्सव

⚫ शास्त्रीय रागों के माध्यम से संगीत की अद्भुत गंगा बहाई

⚫ रतलाम में एकत्र हुए देश भर के साधक और विद्वान

हरमुद्दा
रतलाम, 16 जुलाई। सहजयोग राष्ट्रीय श्री आदिगुरु महोत्सव में शामिल होने के लिए देश भर से विद्वान और साधक आए हैं। उनके मार्गदर्शन में सैकड़ों साधक साधना में तल्लीन है। विद्वजन आध्यात्मिक ज्ञान से सराबोर कर रहे हैं तो संगीतकार शास्त्रीय रागों के माध्यम से संगीत की अद्भुत गंगा बहा रहे हैं। तीन दिवसीय महोत्सव का समापन रविवार को होगा।

सहज ध्यान योग केंद्र के बृजराज ब्रज ने हरमुद्दा को बताया कि आयोजन के दूसरे दिन शनिवार को प्रात: 6.0 बजे सामूहिक ध्यान हुआ। इस सत्र का संचालन श्रीचंद जी चौधरी (जयपुर) ने किया। प्रात: 10 बजे से सायं 6 बजे के मध्य हुए सहज सेमिनार में प्रथम वक्ता  लेफ्टिनेंट जनरल विजय कपूर (सेवा निवृत्त) ने सभागृह में उपस्थित साधकों को गहन ध्यान की अनुभूति कराते हुए कहा कि साधक जब गहरे ध्यान में उतरता है तो आत्मा  प्रकाशित होता है और प्रकाशित आत्मा से ही निर्वाज्य प्रेम की गंगा बहती है।

युवाओं के लिए महत्वपूर्ण सहज योग

द्वितीय वक्ता महेश दांड़ेकर (नागपुर) ने युवाओं को श्री गणेश की भक्ति, पवित्रता व ब्रह्मचर्य का महत्व बताया ।
श्री दांडेकर ने सहजयोग के माध्यम से युवाओं को अपनी कम्युनिकेशन स्किल, लिसनिंग स्किल, पब्लिक स्पीकिंग स्किल, बॉडी लैंग्वेज, इन्टरव्यू-वायवा फेस करने की स्किल व स्ट्रेस मैनेजमेंट स्किल सुधारने के छोटे-छोटे टिप्स दिए।

सहज योग से प्राप्त शक्तियां लाभदायक

वक्ता अजय चौबे (नागपुर) ने ध्यान के माध्यम से गुरु तत्व की जागृति के उपाय बताए,श्री चौबे ने प पू माताजी श्री निर्मला देवी के प्रवचन को कोट करते हुए कहा कि सृजनशील होना गुरु तत्व की जागृति का प्रमाण है। श्री चौबे ने श्री आदिगुरु शंकराचार्य रचित आत्माष्टकम का सस्वर पाठ कर सदन में मौजूद हजारों साधकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्री चंद चौधरी (जयपुर) ने कुण्डलिनी जागरण से सहयोगियों को प्राप्त होने वाली शक्तियों व लाभ की चर्चा की ।
अमरावती से पधारे डॉ. किशोर ऊधवानी ने प पू माताजी श्री निर्मला देवी द्वारा देश विदेश में दिए  गए प्रवचनों के सन्दर्भ की बहुत ही सुन्दर प्रासंगिक विवेचना प्रस्तुत की।

धरती के बिना संसार का अस्तित्व नहीं

भारतीय संस्कृति व समाज में महिलाओं की भूमिका पर बोलते हुए बहन मीनाक्षी वानखेड़े (नागपुर) ने कहा कि  महिला शक्ति का स्वरूप है इसलिए हर परिस्थिति का साहस के साथ सामना करना चाहिए,यदि पुरुष सूर्य है तो स्त्री धरती है। धरती के बिना संसार का अस्तित्व संभव नहीं है। सुप्रसिद्ध भजन गायक संदीप-मिलींद दलाल बंधु (अमरावती) ने म्युजिक थैरेपी द्वारा मूलाधार चक्र से सहस्त्रार चक्र तक वेद मंत्रों व शास्त्रीय रागों के माध्यम से संगीत की अद्भुत गंगा बहाई।

भजन संध्या में किया भाव विभोर

आयोजन में मौजूद साधक

सांयकालीन भजन संध्या में नोएडा से पधारे भजन सम्राट मुखीराम व ग्रुप ने देर शाम तक एक के बाद एक सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियां देकर विशाल जनसमूह को आनंद विभोर कर दिया। इस अवसर पर सहजयोग नेशनल ट्रस्ट के उपाध्यक्ष रमेश मंताना(हैदराबाद), मध्यप्रदेश समन्वयक दीपक गोखले (महू), मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की उपाध्यक्ष रमा मिश्रा (इंदौर), मध्यप्रदेश विद्युत मंडल के मुख्य प्रंबध निदेशक अमित तोमर (इंदौर),श्री जगपाल सिंह (हरिद्वार), योगेश लोढ़ा(भोपाल), सोनाली भट्टाचार्य (बिलासपुर), पूर्व राज्य समन्वयक महेंद्र व्यास, रतलाम समन्वयक संजय दातार आदि उपस्थित रहे ।

राष्ट्रीय आयोजन का समापन रविवार को

रविवार प्रात 11.0 बजे से श्री आदिगुरु पूजा आरंभ होगी इसके बाद महाप्रसादी और तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिगुरु पूजा महोत्सव का समापन होगा ।
                    
                   
             

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *