शिक्षा में सुधार के लिए मुद्दे की बात : एईओ पद के लिए चयनित उम्मीदवार सालों से कर रहे हैं इंतजार

राज्य शिक्षा सेवा नवीन संवर्ग में एरिया एजुकेशन ऑफीसर का है प्रावधान

⚫ संकुल प्राचार्य की व्यवस्था को करना है समाप्त

⚫ एरिया एजुकेशन ऑफीसर नियुक्ति है सालों से लंबित

⚫ 2013 में आयोजित की गई थी परीक्षा

हरमुद्दा

मध्यप्रदेश में राज्य शिक्षा सेवा नवीन संवर्ग में शैक्षणिक गुणवत्ता के सुधार व उन्नयन के लिए बीआरसी व बीएसी के पदों की जगह पूर्णकालिक एरिया एजुकेशन ऑफिसर की नियुक्ति करने का प्रावधान रखा गया है। किंतु इसके बावजूद राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा मृत केडर में रखे गए बीआरसी व बीएसी के पदों पर पुन: प्रतिनियुक्ति प्रक्रिया चालू करने के कारण राज्य शिक्षा सेवा के नवीन संवर्ग के लिए अनेक वर्षों से लंबित एरिया एजुकेशन की भर्ती को लेकर मांग प्रबल हो गई है।

नियुक्ति में हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन भी जरूरी

एईओ परीक्षा में चयनित अध्यापकों ने म.प्र. शासन से मांग की है जिसमें उल्लेख किया गया है कि सहायक संचालकों की नियुक्ति के बाद अनेक वर्षों से लंबित एरिया एजुकेशन ऑफीसर की नियुक्ति प्रारंभ होना जरूरी है।  वेरीफाई एईओ की नियुक्ति की जाकर हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाए।

शैक्षणिक गुणवत्ता के उन्नयन एवं मॉनिटरिंग की योजना

वेरिफाइड एईओ संघ मध्य प्रदेश के योगेश सरवाड़ ने हरमुद्दा से चर्चा में बताया कि म.प्र.शासन स्कूल शिक्षा विभाग की महत्वाकांक्षी योजना मध्यप्रदेश शासन द्वारा 2013 में तैयार की गई है। इसके तहत समस्त शैक्षणिक संस्थानों को राज्य शिक्षा सेवा के अधीन कर उसकी मॉनिटरिंग एवं शैक्षणिक गुणवत्ता की जिम्मेदारी दी गई है। इस व्यवस्था के बाद लोक शिक्षण संचालनालय एवं राज्य शिक्षा केंद्र के बीच का कार्य विभाजन समाप्त कर एक ही संस्था में मर्ज किया जाना है। यह योजना स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार हुई है। इसके तहत् बीआरसी एवं बीएसी के वर्तमान पद समाप्त कर एरिया एजुकेशन ऑफिसर का नया पद सृजित किया गया है। इस पद पर रहने वाले अधिकारी को शालाओं के निरीक्षण एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए उत्तरदायी किया गया है।

2013 में की गई थी परीक्षा आयोजित

योजना को मूर्त रूप देने के लिए 2013 में एरिया एजुकेशन ऑफीसर के पदों के लिए विज्ञापन जारी कर परीक्षा आयोजित की गई थी। जिसमें माध्यमिक शाला के प्रधान अध्यापक, शिक्षक एवं अध्यापकों ने भाग लिया। इसके पश्चात् परिणाम भी जारी किया गया। पर कुछ विसंगतियों को लेकर कुछ आवेदक हाईकोर्ट की शरण में चले गए थे। हाईकोर्ट ने ऐसी लगभग 200 याचिकाओं का निराकरण करते हुए एईओ भर्ती का मार्ग प्रशस्त कर दिया और जनवरी 2015 में पुनः भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ हो गई, जिसमें शासन द्वारा लगभग 19 हजार परीक्षार्थियों का वेरिफिकेशन कराया गया।

फिर मप्र प्रधान पाठक संघ चला गया सुप्रीम कोर्ट

कुछ ही दिन बाद मप्र प्रधान पाठक संघ सुप्रीम कोर्ट चला गया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्णय देते हुए स्पष्ट किया कि उत्तीर्ण उम्मीदवारों के हितों का संरक्षण करने के लिए सरकार उचित कदम उठाएं। इसके साथ ही भर्ती का रास्ता पुनः प्रशस्त हो गया।

चयनित अभ्यर्थियों को माना पात्र

राज्य सरकार द्वारा प्रकाशित राजपत्र में एईओ के लिए सिर्फ और सिर्फ चयनित अभ्यर्थी को ही पात्र माना गया है। इस प्रकार प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है।तथा अब शासन को वेरीफाइड शिक्षकों की मेरिट के आधार पर नियुक्ति किया जाना है।

अब करें वेरीफाइड की नियुक्ति

सभी एईओ वेरफाईड शिक्षकों ने शासन से मांग की है कि शैक्षणिक गुणवत्ता के सुधार एवं उन्नयन हेतु गठित राज्य शिक्षा सेवा के प्रावधान एवं माननीय उच्च एवं उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार यथाशीघ्र वेरीफाइड सूची से एईओ की नियुक्ति की जाए

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