निरीक्षण के बाद मुद्दे की बात : बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें जिला प्रशासन, बच्चों के बस्तों का वजन भारी, चाइल्ड फ्रेंडली थानों की स्थापना में करेंगे मदद
⚫ मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने अधिकारियों की बैठक में दिए निर्देश
⚫ आयोग के सदस्य ने किया निरीक्षण
हरमुद्दा
रतलाम 31 अगस्त। बस्तों का वजन, स्कूली बसों में सुरक्षा की तमाम व्यवस्थाएं, ओव्हरलोडिंग, नशे की प्रवृत्ति, बच्चों की सेहत, बाल विवाह इत्यादि बिन्दुओं पर नियमानुसार सख्ती से कार्रवाई की जाए। निरीक्षण में पाया कि स्कूलों में बच्चों के बस्तों का वजन काफी ज्यादा है। ढाबों पर काम करने वाले बच्चों को मुक्त कर शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़े। शिक्षा विभाग कलेक्टर को डेली रिपोर्ट करेगा।
यह बात मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने कही। श्री चौहान नामली स्थित सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में निरीक्षण करने आए थे। शिकायत मिली थी कि वहां के टॉयलेट में प्रबंधन में सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। निजता के अधिकारों के हनन के इस मुद्दे को लेकर काफी बवाल भी मचा। प्रबंधन ने सदस्य को बताया कि बच्चे टॉयलेट में कुछ भी लिख देते जिसका प्रभाव अन्य बच्चों पर विपरीत पड़ता है। इस कारण ऐसा किया गया था। बात से संतुष्ट भी हुए। सदस्य श्री चौहान ने अन्य स्कूलों का भी निरीक्षण किया।
बच्चों के बस्तों का वजन बहुत भारी
आयोग के सदस्य ने निर्देशित किया कि स्कूलों में बच्चों के बस्तों का वजन निर्धारित मापदण्ड अनुसार रहे। निरीक्षण में देखा गया कि बच्चों का बस्ता बहुत भारी था, लगभग 10 से 15 किलो वजन का था।
बच्चों की सुविधा का पूरा रखें ध्यान
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि 15 वर्ष तक के बच्चों के कोरोना वेक्सीनेशन का कार्य शत-प्रतिशत रुप से समय सीमा में पूरा किया जाए। स्कूलों में कैम्प लगाकर कार्य पूरा करें। जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि स्कूल वाहनों का कलर पीला हो। स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने वाले आटो रिक्शा में निर्धारित संख्या में ही बच्चे बैठें। देखा गया है कि आटो रिक्शाओं में 8 से 10 बच्चे पाए जाते हैं। आटो रिक्शा के दस्तावेज भी चेक करें। स्कूल बसों में सीसी टीवी तथा अटेण्डर रहे। स्पीड गवर्नर लगाया गया हो। स्कूलों में एनसीआरटी पाठ्यक्रम भी संचालित हो। स्कूलों में निर्धारित मापदण्ड अनुसार पर्याप्त स्थान हो।
बच्चों में नशे की आदत के विकास को करें सख्ती से नियंत्रित
आयोग सदस्य ने निर्देश दिए कि बच्चों में नशे की आदत के विकास को सख्ती से नियंत्रित किया जाए। जो नशे के सोर्स हैं उन पर पुलिस विभाग कार्यवाही करे। भटके हुए बच्चों के प्रति सहानुभूति रखते हुए उन्हें उनके घर तक पहुंचाया जाए। जनजातीय कार्य विभाग ड्राप आऊट बच्चों की समस्या का निदान करे। पलायन करने वाले परिवारों के बच्चों को छात्रावासों में रखे। श्रम विभाग होटलों, ढाबों में चेकिंग करके काम करने वाले बच्चों को मुक्त कराए। बाल विवाह पर सख्ती से नजर रखी जाए। शिक्षा विभाग सुनिश्चित करे कि स्कूलों में शिकायत पेटी लगे। पुलिस विभाग स्थान उपलब्ध कराएगा तो हम चाईल्ड फ्रेंडली थानों की स्थापना में मदद कर देंगे।
गैस गोदाम को हटाया जाएगा स्कूलों के पास से
नशामुक्ति केन्द्र की स्थापना के लिए उपसंचालक सामाजिक न्याय विभाग को परिपूर्ण प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए। शहरी क्षेत्र में स्कूलों के पास जो गैस गोदाम हैं, उन्हें तत्काल हटाया जाए। नगर निगम रतलाम के संप्रेषण गृह में गार्डन का निर्माण कराया जाए।
एक पखवाड़े का चलेगा अभियान
बैठक में कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने कहा कि जिला शिक्षा विभाग 15 दिवसीय अभियान चलाएगा, प्रत्येक दिवस कम से कम एक स्कूल चेक किया जाएगा।
नशीले पदार्थों के विरुद्ध अभियान
पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने कहा कि जिले में ओव्हरलोडिंग तथा नशीले पदार्थों के विरुद्ध अभियान संचालित किया जाएगा। यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा।
यह थे मौजूद
महिला बाल विकास अधिकारी रजनीश सिन्हा, जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य जीवराज पुरोहित सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।