मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ ने मुख्यमंत्री से पत्रकारों की बीमा प्रीमियम राशि कम करने की मांग
⚫ आवेदन की तिथि बढ़ाने के साथ ही जीएसटी के बोझ को हटाएं
हरमुद्दा
रतलाम, 7 सितंबर। मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ ने पत्रकार स्वास्थ्य एवं दुर्घटना बीमा योजना 2022 में पत्रकारों की प्रीमियम राशि कम करने, निर्धारित तिथि बढ़़ाने के साथ ही जीएसटी के अतिरिक्त बोझ को भी हटाने की मांग मुख्यमंत्री शिवराजसिंह से की है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष शलभ भदौरिया, वरिष्ठ मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष शरद जोशी ने बताया कि मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के आग्रह पर राज्य सरकार द्वारा कई वर्षों पूर्व पत्रकारों तथा गैर पत्रकारों के लिए पत्रकार स्वास्थ्य एवं दुर्घटना बीमा योजना लागू की गई है। पूर्व में प्रीमियम राशि में वृद्धि की गई थी, फिर हमारेे संगठन व अन्य वरिष्ठ पत्रकारों के आग्रह पर वृद्धि को वापस ले लिया गया था, लेकिन इस बार पुन: प्रीमियम राशि में वृद्धि कर दी गई है। मीडिया जगत वैसे ही कोरोना महामारी के दौरान और उसके बाद आर्थिक संकटों से जुझ रहा है, कई पत्रकारों की नोकरी चली गई तथा कई के वेतन में कटोत्री की गई है, ऐसे में शासन तथा बीमा कंपनियों द्वारा इस वर्ष प्रीमियम राशि में की गई वृद्धि न्याय संगत नहीं है, साथ ही जीएसटी भी लागू कर अतिरिक्त बोझ लादा गया है।
नई स्लैब के अनुसार राशि लेला अनुचित
श्री भदौरिया तथा श्री जोशी ने कहा कि जिन लोगों का बीमा कई वर्षों से हो रहा है, उसकी सारी प्रीमियम राशि शासन को ही भरना चाहिए लेकिन ऐसा निर्णय न होते हुए शासन व बीमा कंपनियों द्वारा नई स्लेब के अनुसार प्रीमियम राशि मांगी गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि अधिमान्य पत्रकारों, फोटोग्राफरों, कैमरामेनों तथा मीडियाकर्मियों, गैर अधिमान्य पत्रकारों की स्वास्थ्य एवं दुर्घटना बीमा योजना की प्रीमियम राशि तत्काल कम कर 2021 के अनुसार ही रहने देने के निर्देश देने का कष्ट करें। साथ ही बीमे के लिए आवेदन फार्म भरने की अंतिम तारीख 16 से बढ़ाकर 30 सितंबर तक करवाने का कष्ट भी करें।
मुख्यमंत्री का नाम दिया जाएगा ज्ञापन
उम्मीद है इस संबंध में शीघ्र ही निर्णय लेकर पत्रकारों की इस वाजिब मांग पर आप हमेशा की ही तरह अवश्य ध्यान देंगेे। साथ ही जीएसटी से भी इस प्रीमियम राशि को मुक्त करेंगे। यदि संभव हो तो वर्षों से बीमा करवा रहे अधिमान्य पत्रकारों की प्रीमियम राशि भी सरकार द्वारा वहन किया जाए तो अति उत्तम होगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है और भोपाल में उन्हें जनसंपर्क संचालक के माध्यम से ज्ञापन भी दिया जाएगा।