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जाते जाते रोहिणी ने दिखाए तल्ख तेवर, पारा 45 पार, ज्योतिष की गणना हुई सही, चिकित्सक ने दी सलाह

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हरमुद्दा
रतलाम, 7 जून। सूरज के मिलकर रोहिणी जाते जाते अपना रौद्र रूप दिखा रही है। ज्योतिषीय गणना सही साबित हो गई। शुक्रवार को पारा 45 डिग्री पार हो गया। सूरज के तल्ख तेवर ने आम जनजीवन प्रभावित कर दिया। तेज गर्मी और लू के थपेड़ों से हरकोई हलाकान नजर आया। न दिन को चैन है और न ही रात को आराम।
गुरुवार को जून का सबसे अधिक गर्म दिन 44 डिग्री सेल्सियस था। शुक्रवार को 1.1 डिग्री सेल्सियस का उछाल आया और अधिकतम तापमान 45. 1 और न्यूनतम तापमान 27. 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रातें भी गर्म हो गई है। शुक्रवार को बाजारों में सुबह लू के थपेड़े लग रहे थे। दोपहर होते होते आमजन जरूरी कार्य से नजर आ रहे थे। दुकानों पर व्यापारी हाथ पर हाथ धरे नजर आए।
सही साबित हुई गणना, 8 जून की शाम उतरेगी रोहिणी
ज्योतिर्विद गोचर शर्मा ने “हरमुद्दा” से चर्चा में बताया था कि शनिवार की रात 8:23 बजे सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इसी के साथ रात्रि में 11:43 बजे पंचक भी लग रहा है, जो को 30 मई को समाप्त होगा। पंचक के कारण सूर्य की तपिश तेज होगी। रोहिणी में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक स्पर्श कर सकता है। यह बात 25 मई को ही बताई गई थी। यह बात 7 जून को सही साबित हो गई। 8 जून की शाम 6.12 बजे सूर्य मृगशिर नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इसके साथ ही रोहणी नक्षत्र की समाप्ति होगी।
आमजन रखे सेहत का ख्याल
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि जिले में गर्मी तेज़ हो गई है। गर्मी के मौसम में वातावरण में अधिक तापमान के बदलाव से ‘लू’ लगने की संभावना अधिक बढ जाती है।
डॉ. ननावरे ने सलाह देते हुए कहा कि आमजन धूप व गर्मी से बचे। घर के अंदर हवादार व ठंडे स्थान पर रहें। यदि बाहर कार्य करना अति आवश्यक हो तो बाहरी गतिविधियां दिन के अधिकतम तापमान वाले घंटों में न करें। सफेद व हल्के रंग के वस्त्रों का प्रयोग करें। सिर को कपडे या टोपी से ढके। जूते चप्पल तथा नजर के काले चश्में (गॉगल) का उपयोग करें।
शीतल पेय पदार्थ पीकर निकले बाहर
धूप में जाने से पहले भोजन व पर्याप्त पानी पीना जरूरी है। अधिक से अधिक पेय पदार्थों जैसे नींबू पानी, लस्सी, छाछ, जलजीरा, आम पना, दही, नारियल पानी आदि का सेवन करें। ताजे एवं स्वच्छ भोजन का सेवन करें।
बच्चों और बुजुर्गों का रखें खास ध्यान, गाड़ी अकेला न छोड़े
डॉ . ननावरे के बताया कि शिशुओं तथा बच्चों, 65 वर्ष से अधिक आयु के महिला-पुरुषों, घर के बाहर काम करने वाले, मानसिक रोगियों तथा उच्च रक्तचाप वाले मरीजों का विशेष ध्यान रखें। बंद गाडी के अंदर का तापमान बाहर से अधिक होता है। अतः कभी भी किसी को बंद पार्किंग में खड़ी गाड़ी में अकेला ना छोडे। बहुत अधिक भीड, गर्म, घुटन भरे कमरों, रेल, बस आदि की यात्रा गर्मी के मौसम में अत्यावश्यक होने पर ही करें।
तो ले चिकित्सक की सलाह
बेहोशी आना, तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी आना, चक्कर आना, दस्त, सिरदर्द, शरीर टूटना, बार-बार मुंह सूखना और हाथ-पैरों में कमजोरी आना या निढाल होना ‘लू ’ लगने के लक्षण हैं। ‘लू’ लगने पर काफी पसीना आ सकता है या एकदम पसीना आना बंद भी हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति को ‘लू’ लगने का संदेह होता है तो उसे तत्काल ठण्डे स्थान पर रखें। पानी, छाछ व अन्य तरल पदार्थों को पर्याप्त मात्रा में लें। यदि आराम ना लगे तो तुरंत निकट के शासकीय चिकित्सालय में उपचार कराएं

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