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धर्म संस्कृति : देवी दुर्गा की भक्ति का पर्व 26 सितंबर से, पंचदेवों की पूजा के साथ करनी चाहिए शुभ कामों की शुरुआत

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⚫ इन पांच देवों में शामिल हैं दुर्गा मां भी

आश्विन मास की नवरात्रि 26 सितंबर (सोमवार) से शुरू हो रही है। कभी-कभी तिथियों की घट-बढ़ की वजह से नवरात्रि आठ दिनों की रहती है, लेकिन इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिन की रहेगी और 4 अक्टूबर को महानवमी है। इन नौ दिन देवी दुर्गा के लिए भक्ति की जाएगी।

नवरात्रि और देवी दुर्गा के बारे में जानने के लिए बताते हैं, ‘शास्त्रों में पंचदेव बताए गए हैं, इन पंचदेवों में गणेश जी, शिव जी, विष्णु जी, सूर्य देव और देवी दुर्गा शामिल हैं। किसी भी शुभ काम की शुरुआत इन पांच देवों की पूजा के साथ ही होती है। मान्यता है कि इन पूजा करने से मुश्किल से मुश्किल काम भी बिना बाधा के पूरा हो जाता है और अगर कोई बाधा आती भी है तो हमें उसका सामना करने का साहस मिलता है।

नवरात्रि में दुर्गा जी से पहले करनी चाहिए गणेश पूजा

गणेश जी प्रथम पूज्य देव हैं और शिव जी ने इन्हें ये वरदान दिया था। इसी वजह से किसी देवी-देवता की पूजा से पहले गणेश पूजन किया जाता है। भले ही नवरात्रि दुर्गा की भक्ति का पर्व है, लेकिन दुर्गा पूजा से पहले गणेश पूजन जरूर करना चाहिए। वर्ना पूजा अधूरी ही मानी जाती है।

दुर्गा जी की पूजा में कर सकते हैं इन मंत्रों का जप

दुर्गा मां की पूजा में लाल फूल, लाल वस्त्र आदि अर्पित करें। चावल, नारियल अर्पित करें। मिठाई का भोग लगाएं। धूप और दीप जलाएं, आरती करें। देवी मां के मंत्र दुं दुर्गायै नमः का जप कर सकते हैं। आप चाहें तो इस मंत्र का भी जप कर सकते हैं-

सर्वमंगल मांगल्ये शिवेसर्वार्थ साधिके। शरंयेत्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

मंत्र जप कम से कम 108 बार करना चाहिए। जप के बाद देवी मां से पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।

नवरात्रि में करें देवी मंदिरों की यात्रा

नवरात्रि में देवी मां के शक्तिपीठों की यात्रा करने की परंपरा है। देवी मां के कुल 51 शक्तिपीठ हैं। हमें अपने समय और सामर्थ्य के अनुसार नवरात्रि में देवी मंदिरों की यात्रा करनी चाहिए। ज्यादा लंबी यात्रा न कर सके तो अपने शहर के आसपास के शक्तिपीठ में देवी मां के दर्शन कर सकते हैं। अगर शहर के करीब कोई शक्तिपीठ नहीं है तो किसी अन्य देवी मंदिर में यात्रा कर सकते हैं।

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