मुद्दा स्वैच्छिक स्थानांतरण का : शिक्षा विभाग का फरमान, ऑनलाइन करना होगा आवेदन, ऑफिस ऑफिस भटकने की जरूरत नहीं

⚫ मंत्री नेता को आवेदन देने से नहीं चलेगा काम

⚫ अन्य किसी माध्यम से प्राप्त आवेदन पर नहीं होगा विचार

हरमुद्दा
भोपाल, 5 अक्टूबर। स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक शिक्षिकाओं के स्थानांतरण के लिए नया फरमान जारी किया है आदेश में कहा गया है कि स्वैच्छिक तबादला चाहने वाले शिक्षक शिक्षिकाओं को ऑनलाइन आवेदन ही करना होगा उसी पर कार्य होगा मंत्री अथवा नेता के यहां पर आवेदन देने से कार्य नहीं बनेगा। ऐसा आदेश इसलिए निकालना पड़ा क्योंकि स्थानांतरण आदेश के पश्चात ही नेता और मंत्रियों के यहां पर ऐसे सभी शिक्षक शिक्षिकाओं की कतारें लगना शुरू हो गई थी।

शिक्षकों को स्वैच्छिक स्थानांतरण के लिए पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन किए जाने का प्रावधान किया गया है। स्वैच्छिक स्थानांतरण के लिए निर्धारित प्रक्रिया में यह स्पष्ट किया गया है कि संबंधित लोक सेवक को अपनी यूनिक आईडी एवं पासवर्ड के माध्यम से एज्यूकेशन पोर्टल पर लागिन कर आवेदन करना होगा। पात्र आवेदकों को निर्धारित प्राथमिकता / वरीयता के आधार पर उनके द्वारा चाही गई संस्थाओं में वरीयता क्रम में उपलब्धता अनुसार रिक्त पद पर बगैर मानवीय हस्तक्षेप के स्थानांतरण किया जा सकेगा।

ऐसे आवेदन नीति के विरुद्ध

स्वैच्छिक स्थानांतरण के लिए पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। बड़ी संख्या में शिक्षकों द्वारा ऑनलाईन आवेदन किया जाना प्रारंभ भी कर दिया गया है, किन्तु यह देखने में आ रहा है कि बड़ी संख्या में शिक्षकों द्वारा अभी भी जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न माध्यमों से स्वैच्छिक स्थानांतरण के लिए आवेदन प्रस्तुत किए जा रहे है। वरिष्ठ कार्यालय में स्थानांतरण के लिए उपस्थित होकर भी आवेदन दिए जा रहे है, जो प्रथम दृष्टिया नीति के अनुकुल न होने के नस्तीबद्ध किए जा रहे है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि स्थानांतरण हेतु वरिष्ठ कार्यालय में उपस्थित न हो।

ट्रांसफर नीति की मुख्य बातें

दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षकों की प्राथमिकता के आधार पर पूर्ति की जाएगी। नए शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में तीन साल सेवा देनी होगी और पूरे सेवाकाल में दस वर्ष ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में रहना होगा। शहरी क्षेत्रों में दस साल तक पदस्थ शिक्षकों को भी ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाएगा। प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर स्थानांतरण किए जाएंगे। मंत्री या विधायकों की निजी स्थापना में पदस्थ शिक्षकों को वापस बुलाया जाएगा। इस नीति में समय-समय पर जो संशोधन आवश्यक होंगे, विभाग उन्हें अधिसूचना के माध्यम से लागू करेगा।

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